इस कहानी का आरंभ एक साधारण आदमी से होता है, जिसका जीवन कामकाजी दिनचर्या में बसा हुआ है। वह एक ऑफिस में काम करता है और उसकी यह आदत है कि वह हर दिन काम से लौटते समय, अपने घर के पास के पार्क में, एक छोटे से समूह के प्यारे पिल्लों को बिस्कुट देता है। ये पिल्ले न केवल उसके दोस्त बन गये हैं, बल्कि उनकी मासूमियत और नादानियों ने उसके जीवन में एक अद्भुत आनंद का संचार कर दिया है।
हर दिन, जैसे ही वह दफ्तर से लौटता, पिल्ले उसे चारों तरफ से घेर लेते। कभी 4, कभी 5, और कभी-कभी तो 6 पिल्ले उसके पैरों के चारों ओर चक्कर काटते, जैसे वो उसके मित्र न होकर, उसकी रोटी के उत्सुक साथी हों। वह उनके लिए हमेशा पारले बिस्कुट या ब्रेड लाता था। उनकी भौंकने की आवाज़ में एक अद्भुत खुशी होती थी जो उसकी दिनभर की थकान को हर लेती थी।
Bhagwan par vishwas ki kahani || ईश्वर पर विश्वास की कहानी
एक असाधारण रात
एक रात, जब वह दफ्तर से वापस आया, तो उसकी आँखों के समक्ष एक आश्चर्यजनक दृश्य उपस्थित हुआ। पिल्लों ने उसे फिर से घेर लिया, लेकिन आज एक अलग-सी बात थी। उसने देखा कि उसके घर में बिस्कुट और ब्रेड दोनों खत्म हो गये हैं। यह जानकर उसके मन में हल्का सा खेद उत्पन्न हुआ। रात काफी हो चुकी थी और ऐसे में दुकान का खुला होना भी लगभग असंभव था।
पिल्ले उसकी तरफ बेकरारी से देख रहे थे, जैसे वे बिस्कुट का इंतज़ार कर रहे हों। उनका उम्मीद भरा नज़राना देखकर उसे दुःख हुआ, लेकिन उसने निश्चय किया कि कोई बात नहीं, वह उन्हें कल खिला देगा। यह सोचकर उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया, जबकि उसके मन में उनकी भूख का ख्याल बार-बार आ रहा था।
एक अद्भुत संयोग
उसने खिड़की के शीशे से झांककर देखा। पिल्ले अभी भी बाहर उसके इंतज़ार में बैठे थे। इस दृश्यों ने उसके मन को विचलित कर दिया। तभी उसे याद आया कि उसके घर में मेहमानों के लिए काजू-बादाम वाले बिस्किट हैं, जो वह विशेष मौके पर लाया था। उसने तुरंत डिब्बा खोला, जिसमें केवल 7-8 बिस्कुट बचे थे।
उसने सोचा, “क्या इतने में कुछ होगा? क्या मैं इन्हें बाँट सकता हूँ?” फिर उसने विचार किया, “ठीक है, सबको एक-एक बिस्कुट दे देता हूँ, तो वे सब चले जाएंगे।”
वह कुछ बिस्कुट लेकर बाहर आया, लेकिन उसे देखकर आश्चर्य हुआ। पिल्ले अब जा चुके थे। सिर्फ एक छोटा पिल्ला उसके सामने फिर भी बैठा था, उसकी आँखों में विश्वास से भरा हुआ, जैसे वह सोच रहा हो कि कुछ तो अवश्य मिलेगा।
विश्वास की परिभाषा
वहां खड़े होकर, उस आदमी का दिल भर आया। उसने वह सभी बिस्कुट उस एक पिल्ले के सामने रख दिए। वह पिल्ला खुशी-खुशी उन बिस्कुटों को खा गया। उसके छोटे-छोटे पैरों से भागते हुए उसकी मासूमियत ने उस आदमी के मन में एक गहरी छाप छोड़ी।
उसने महसूस किया कि यह तो मानव जीवन की सच्चाई है। हम मनुष्य जब तक ईश्वर हमें देते रहते हैं, तब तक हम संतुष्ट रहते हैं। लेकिन जैसे ही कोई समस्या आती है या जब हम किसी चीज़ का अभाव महसूस करते हैं, तो हम अपने विश्वास को खो देते हैं। और यह विश्वास, जो उस पिल्ले में था, वह अद्भुत था। उसने केवल एक बार को ईश्वर पर विश्वास किया और उसके बदले में उसे सब कुछ मिला।
एक सीख
इस अनुभव ने उस आदमी को एक महत्वपूर्ण सीख दी। उसने समझा कि जो लोग अपने प्रभु पर विश्वास बनाए रखते हैं, उन्हें विश्वास के माध्यम से अधिक मिलता है। उसने सोचा, “इसलिए, हमें अपने प्रभु पर विश्वास रखना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में अपने विश्वास को डिगने नहीं देना चाहिए।”
उसने इस कहानी को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लिया। जब भी उसे किसी कठिनाई का सामना करना पड़ा, वह उस पिल्ले की याद करता और उसका विश्वास और मजबूत हो जाता।
निष्कर्ष
उस आदमी ने सीखा कि अगर किसी चीज़ में देर हो रही है, तो इसका मतलब है कि प्रभु आपके लिए कुछ अच्छा करने में लगे हैं। एक साधारण पिल्ले की मासूमियत ने उसे यह समझाने में मदद की कि विश्वास सबसे बड़ी शक्ति है। क्योंकि जब आप अपने प्रभु पर विश्वास रखते हैं, तो वह भी आपको अपने अनंत आशीर्वादों से भर देता है।
इसलिए, हमें कठिनाइयों में अपने विश्वास को और मजबूत करने की जरूरत है, क्योंकि विश्वास का यही आधार हमें जीवन की कठिनाईयों के बीच में भी संतुष्ट और खुश रखता है।