Tumbbad 4 – अंतिम प्रकोप
(जब अभिशाप भी डरने लगे… तब क्या होगा?)
📜 शाप से मुक्ति या हमेशा के लिए कैद?
Tumbbad की गहराइयों में दफन एक ऐसा रहस्य था, जिसे कभी उजागर नहीं किया जाना चाहिए था। विनायक राव की मौत के बाद, हस्तर का खजाना सिर्फ़ एक कहानी बनकर रह गया था। लेकिन 100 साल बाद, जब डार्क वेब, मेटावर्स और AI जैसी तकनीकें इंसानी लालच को और बढ़ा रही थीं, तो यह शाप फिर से जाग उठा।
ऋषि सक्सेना ने खुद को बचाने के लिए सब कुछ किया –
हैकिंग, तंत्र-मंत्र, और यहाँ तक कि आत्माओं से संपर्क… लेकिन शाप ने उसे छोड़ने से इनकार कर दिया।
क्यों?
क्योंकि अब यह सिर्फ़ हस्तर का अभिशाप नहीं था।
अब यह “कालस्वर” का आतंक बन चुका था – एक ऐसी शक्ति, जो सिर्फ़ मृत्यु के बाद मिलती थी!
🔦 शापित मिरर – जब परछाइयाँ भी झूठ बोलने लगें!
ऋषि ने अपने कमरे में जैसे ही कंप्यूटर ऑन किया, स्क्रीन पर कुछ अजीब कोड दिखाई दिए –
“𝕐𝕠𝕦 𝕙𝕒𝕧𝕖 𝕦𝕟𝕝𝕠𝕔𝕜𝕖𝕕 𝕥𝕙𝕖 𝕋𝕦𝕞𝕓𝕓𝕒𝕕 𝕊𝕖𝕔𝕣𝕖𝕥. 𝕐𝕠𝕦 𝕔𝕒𝕟’𝕥 𝕖𝕤𝕔𝕒𝕡𝕖!”
ऋषि ने घबराकर पीछे देखा – आइने में उसका प्रतिबिंब मौजूद नहीं था!
लेकिन वहाँ कोई और खड़ा था…
👁️ एक आकृति, जो धुएँ जैसी थी…
👁️ एक परछाई, जिसकी आँखें जल रही थीं…
“कालस्वर ने तुझे देख लिया है!”
और तभी, पूरा कमरा रक्त से लथपथ हो गया। दीवारों से अनगिनत हाथ निकलने लगे, जो उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे!
👹 आत्माओं की गुप्त नीलामी – डार्क वेब का सबसे खतरनाक सच!
ऋषि को एक गुप्त लिंक मिला – “Tumbbad’s Eternal Marketplace”
यह डार्क वेब का एक ऐसा सेक्शन था, जहाँ “आत्माएँ बेची और खरीदी” जाती थीं!
💀 हस्तर की शापित आत्मा – कीमत: 500 मिलियन बिटकॉइन
💀 कालस्वर का श्राप – कीमत: अनमोल (क्योंकि यह खरीदने वाले को हमेशा के लिए बदल देता है!)
💀 Tumbbad का दरवाजा – कीमत: सिर्फ़ “बलिदान”
ऋषि ने डरते हुए “Tumbbad का दरवाजा” लिंक पर क्लिक किया।
स्क्रीन पर अचानक एक लाइव वीडियो स्ट्रीम खुली –
📽️ वहाँ कोई बैठा था… लाल कपड़ों में, बिना आँखों के…
📽️ “अगर तुम इसे रोकना चाहते हो, तो तुम्हें समय में पीछे जाना होगा!”
अब तक ऋषि को लग रहा था कि यह सिर्फ़ एक शाप था। लेकिन यह सिर्फ़ शुरुआत थी।
⏳ समय के अंधेरे जाल में फंसा शाप!
डार्क वेब से मिली गुप्त जानकारी के बाद, ऋषि को पता चला कि Tumbbad के अभिशाप को खत्म करने का एक ही तरीका था – समय के जाल में प्रवेश करना!
लेकिन इसका मतलब था –
👉 मृत्यु से पहले की दुनिया में जाना!
👉 उन आत्माओं से मिलना, जो “कालस्वर” से पहले यहाँ थीं!
ऋषि ने तंत्र-मंत्र का सहारा लिया और रात के 3:33 बजे मंदिर में बैठकर मंत्रोच्चारण शुरू किया।
अचानक, ज़मीन हिलने लगी –
🚪 Tumbbad का पुराना दरवाजा खुद-ब-खुद खुल गया!
🌪️ तेज़ हवा का बवंडर उठा और ऋषि समय में पीछे चला गया!
💀 मृत्यु से पहले का Tumbbad – जब इंसान और राक्षसों में कोई फ़र्क नहीं था!
साल 1600 – Tumbbad का असली रहस्य अब सामने था।
🔺 मंदिर की देवी ने खुद को हमेशा के लिए बंद कर लिया था।
🔺 लोगों ने लालच में आकर खुद को ही बलि चढ़ाना शुरू कर दिया था।
🔺 और फिर जन्म हुआ “कालस्वर” का – मृत्यु और जीवन के बीच की शक्ति!
ऋषि ने देखा कि कालस्वर कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार था।
जिसने भी लालच किया, उसकी आत्मा कालस्वर में समा गई!

⚰️ अंतिम बलिदान – क्या ऋषि बच पाएगा?
ऋषि के पास दो ही रास्ते थे –
1️⃣ या तो वह खुद को बलि देकर इस चक्र को तोड़ दे
2️⃣ या फिर वह कालस्वर का अगला शिकार बन जाए
ऋषि ने अपनी हथेली काटी और खून की कुछ बूंदें हस्तर के खजाने पर गिरा दीं।
अचानक –
🚨 पूरा मंदिर जलने लगा!
🚨 समय में दरारें पड़ गईं!
🚨 हस्तर और कालस्वर दोनों की चीखें गूँजने लगीं!
और फिर सब कुछ अंधेरा हो गया…
🕳️ यह खत्म नहीं हुआ…
जब ऋषि ने अपनी आँखें खोलीं, तो वह फिर से अपने कमरे में था।
लेकिन…
👉 उसकी स्क्रीन पर अब भी Tumbbad’s Eternal Marketplace खुला था।
👉 उसके शरीर पर अब भी खून के निशान थे।
👉 उसके पीछे अब भी… कोई खड़ा था!
“तूने सोचा, यह खत्म हो गया?”
“कालस्वर कभी नहीं मरता!”
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