ज्यादातर बच्चे कहानियां सुनना पसंद करते हैं। वह न सिर्फ कहानियां सुनना पसंद करते हैं बल्कि उनसे काफी कुछ सीखते भी हैं। राजा विक्रमादित्य की राजगद्दी बत्तीसी के बारे में भी यही कहानियां हैं। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य के सिंहासन पर उनके 32 पुतले थे। इन पुतलों ने राजा भोज के राजा बनने की कहानी बयां की। महाराज विक्रमादित्य की उदारता और अच्छे निर्णय लेने की क्षमता के बारे में सुनकर राजाभोज चकित रह जाते हैं। ये सभी कहानियाँ निश्चित रूप से बच्चों के दिमाग को बढ़ने और विकसित करने में मदद करेंगी। इसके साथ ही, बच्चे कठिन समय में सही चुनाव करने का साहस हासिल करेंगे। इन कहानियों से बच्चे भी सीखेंगे कि क्या सही है और क्या गलत। साथ ही उन्हें पता चल जाएगा कि जीवन में दयालु और अच्छा होना कितना जरूरी है। हां, विक्रमादित्य सिंघासन बत्तीसी की कहानियां बच्चों को ऐसी चीजें सिखाएंगी जो दूसरे तरीकों से सिखाना आसान नहीं है। विक्रमादित्य का सिंहासन भी न्याय और धर्म का प्रतीक है। तो आइए पढ़ते हैं कि विक्रमादित्य के सिंहासन पर बैठे कठपुतलियों का क्या कहना है।