Tumbbad 2 Horror Story– एक शापित खजाने की खौफनाक कहानी
“लालच की सजा मौत से भी भयानक होती है!” – यह शब्द अब भी तुम्बाड गाँव के पुराने मंदिर की दीवारों पर लिखे हुए हैं। लेकिन इंसान की फ़ितरत ही ऐसी है—वह खतरे को ललकारने से खुद को रोक नहीं सकता।
सौ साल पहले, तुम्बाड का श्रापित खजाना लोगों को बर्बाद कर चुका था। सबने सोचा था कि हस्तर की दहशत खत्म हो गई, लेकिन वे गलत थे।
गांव का रहस्य फिर से जाग उठा
साल 2025। पुणे के कुछ युवा—अजय, निखिल, रीमा, और तनुश्री—पुरानी जगहों की सच्ची डरावनी कहानियाँ रिकॉर्ड करके यूट्यूब पर डालते थे। जब उन्होंने तुम्बाड की कहानी सुनी, तो उन्हें यकीन नहीं हुआ।
“क्या सच में वहाँ कोई भूत या शापित खजाना है?”
खौफनाक जगहों की कहानियाँ सुनकर रोमांचित होने वाले ये चारों दोस्त यह जांचने के लिए खुद तुम्बाड गाँव जाने का फैसला करते हैं।
लेकिन उन्होंने नहीं सोचा था कि यह सफर उनकी ज़िंदगी की आखिरी यात्रा बन जाएगी।
गाँव में कदम रखते ही अजीब घटनाएँ शुरू हुईं
तुम्बाड गाँव अब आधा खंडहर बन चुका था। वहाँ बहुत कम लोग रहते थे और जो भी थे, वे अजनबियों से बात करने से डरते थे।
जैसे ही चारों दोस्त गाँव के बीचों-बीच पहुँचे, हवा अचानक ठंडी हो गई।
एक बुजुर्ग ने उन्हें चेतावनी दी,
“तुम यहाँ नए लग रहे हो। अगर अपनी जान की सलामती चाहते हो, तो सूर्यास्त से पहले चले जाओ।”
लेकिन युवाओं को लगा कि यह सब गाँव वालों की अंधविश्वासी बातें हैं। वे उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर हवेली की तरफ बढ़ गए।

शापित हवेली में एक रात
हवेली का दरवाजा चरमराते हुए खुला। अंदर धूल और जाले जमे हुए थे।
जैसे ही उन्होंने हवेली के भीतर कदम रखा,
- अचानक दरवाजा अपने आप बंद हो गया।
- बिजली चमकी और छत से अजीब सी छायाएँ दिखने लगीं।
- हवा में धीमी आवाज़ गूंज रही थी—”तुम आए क्यों?”
निखिल ने कैमरा ऑन किया और कहा,
“यार, यह सच में डरावना लग रहा है!”
लेकिन तभी… दीवार पर एक परछाईं हिलने लगी!
हस्तर की वापसी!
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रीमा ने देखा कि फर्श पर ताजा खून के निशान उभर रहे थे।
अजय ने दीवारों पर टॉर्च मारी, और तभी एक पुराने जंग लगे दरवाजे पर उनकी नज़र गई। उस पर लिखा था:
“जो इसे खोलेगा, वह वापस नहीं आएगा!”
पर लालच इंसान को अंधा बना देता है। अजय ने दरवाजा खोल दिया।
अंदर… सोने के सिक्कों का अंबार लगा था!
“ओह माय गॉड! ये सच में खजाना है!” तनुश्री चिल्लाई।
लेकिन जैसे ही उन्होंने पहला सिक्का उठाया,
- हवेली कांपने लगी।
- दरों-दीवारों से खून बहने लगा।
- एक कर्कश चीख हवेली में गूंज उठी—”मेरा खजाना वापस रखो!”
अचानक, उनके सामने एक विशाल विकराल आकृति प्रकट हुई—हस्तर!

भयानक अंत
हस्तर की लाल आँखें जल रही थीं। उसके बिखरे बाल और जला हुआ चेहरा देखकर चारों के रोंगटे खड़े हो गए।
“अब तुम सब मेरी आत्माओं में बदल जाओगे!”
चारों ने भागने की कोशिश की, लेकिन दरवाजे अपने आप बंद हो गए।
निखिल की आँखों के सामने ही रीमा की चीख निकल गई और उसका शरीर हवा में ऊपर उठ गया।
अजय ने दरवाजा तोड़ने की कोशिश की, लेकिन हस्तर ने उसकी गर्दन पकड़कर दीवार पर दे मारा।
“तुम सबको मेरी तरह श्रापित होना होगा!”
आखिरी चीखों के साथ हवेली में गहरा अंधकार छा गया।
सुबह गाँव वालों ने क्या देखा?
अगली सुबह जब गाँव वाले हवेली पहुँचे, तो वहाँ चारों का कोई नामो-निशान नहीं था।
बस फर्श पर खून से लिखा था—
“जो लालच करेगा, वह श्रापित होगा!”
गाँव वालों का कहना है कि आज भी रात के अंधेरे में हवेली के भीतर से चीखों की आवाजें आती हैं। कुछ ने रीमा और अजय की परछाईं खिड़की में देखी है।
क्या आप इस हवेली में जाने की हिम्मत कर सकते हैं?