Shakti Shalini Ki Kahani – एक सच्ची डरावनी भूतिया कहानी
गाँव बसेड़ी की पुरानी हवेली को लोग “भूतिया हवेली” कहते थे। कहते हैं, यहाँ जो भी रात में गया, वह वापस नहीं लौटा। हवेली की दीवारों पर समय के साथ दरारें पड़ चुकी थीं, मगर सबसे ज्यादा डरावना था वहाँ का भयानक सन्नाटा।
गाँव के बुजुर्ग बताते थे कि यह हवेली कभी शक्ति शालिनी नाम की एक अमीर महिला की थी। पर एक दिन अचानक उसकी निर्मम हत्या हो गई। तब से उसकी आत्मा हवेली में भटक रही थी।
हवेली का खौफनाक रहस्य
सालों पहले, शक्ति शालिनी एक अत्यंत शक्तिशाली महिला थी, जिसे काले जादू में महारत हासिल थी। गाँव के कई लोग उसके पास अपनी परेशानियों का हल लेने आते थे। लेकिन उसकी शक्ति का लालच उसके अपने ही परिवार को था। एक अमावस्या की रात, उसके लालची भाई-भाभी ने उसे मारने की योजना बनाई।
जब वह पूजा कर रही थी, तभी उन्होंने उसे जिंदा जलाने की कोशिश की। लेकिन मरते वक्त उसने श्राप दिया—”जो भी इस हवेली में रहेगा, वह भयानक मौत मरेगा!”
इसके बाद, शक्ति शालिनी की आत्मा एक विकराल चुड़ैल बन गई। वह रात के समय हवेली में घूमती और किसी को भी जीवित नहीं छोड़ती।

रवि की खौफनाक रात
गाँव का एक युवक रवि, इस कहानी को अफवाह मानता था। उसने अपने दोस्तों से शर्त लगाई कि वह पूरी रात हवेली में बिताएगा। गाँव वालों ने उसे रोका, मगर वह नहीं माना।
जैसे ही रवि ने हवेली का दरवाजा खोला, अंदर तेज ठंडी हवा चलने लगी। अंदर घुसते ही, चारों ओर भयानक सन्नाटा था। वह धीरे-धीरे अंदर बढ़ा और एक पुरानी तस्वीर पर नजर गई। यह शक्ति शालिनी की थी, लेकिन उसकी आँखें चमक रही थीं!
अचानक हवेली में लगा पुराना झूला अपने आप हिलने लगा। रवि को लगा कि यह हवा की वजह से हो रहा है, लेकिन तभी उसने एक औरत की सिसकियों की आवाज़ सुनी।
“कौन है?” उसने डरते हुए पूछा।
कोई जवाब नहीं आया, लेकिन अगले ही पल उसे अपनी गर्दन पर किसी के ठंडे हाथों का अहसास हुआ।
रवि तेजी से मुड़ा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था! फर्श पर गीले पैरों के निशान थे, जो दीवार की ओर जा रहे थे।
भूतिया आत्मा का हमला
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रवि ने घबराकर टॉर्च जलाई और जैसे ही उसने सामने देखा, उसकी आँखें फटी रह गईं—
एक सफेद साड़ी पहने औरत हवा में तैर रही थी, उसके पैर उलटे थे! उसकी आँखों से खून टपक रहा था और उसका चेहरा जला हुआ था।
“तू यहाँ क्यों आया?” शक्ति शालिनी की आत्मा गरजी।
रवि की टॉर्च बंद हो गई। अब वह पूरी तरह अंधेरे में था। अचानक, उसने महसूस किया कि कोई उसकी गर्दन दबा रहा है। वह पूरी ताकत से चिल्लाया, लेकिन उसकी आवाज़ बाहर तक नहीं पहुंची।
अगली सुबह, गाँव वाले जब हवेली के पास पहुंचे, तो रवि बेहोश पड़ा मिला। उसका चेहरा पूरी तरह सफेद हो चुका था, और उसकी आँखों से खून निकल रहा था। वह कुछ बोलने की हालत में नहीं था।
हवेली का अंतहीन डर
उस रात के बाद, रवि कभी सामान्य नहीं हो पाया। उसकी आँखों में हमेशा डर दिखता था।
गाँव वालों का कहना है कि आज भी अगर कोई हवेली के पास से गुजरता है, तो उसे औरत की रोने की आवाजें सुनाई देती हैं। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने रात के अंधेरे में शक्ति शालिनी को छत पर खड़ी देखा, लेकिन जैसे ही वे ध्यान से देखने की कोशिश करते, वह गायब हो जाती।
क्या आप इतनी हिम्मत रखते हैं कि इस हवेली में एक रात बिता सकें?