Raja Rani Romantic Story in Hindi and English
“प्रेम का वचन: राजा आदित्य और रानी रेवती की अमर प्रेम गाथा”
स्वप्नलोक का सम्राट
बहुत समय पहले की बात है, सिंधुद्वीप राज्य में एक महान और निष्ठावान राजा राज करता था – राजा आदित्य। उनका राज्य समृद्ध था, पर उनका दिल अकेला। वर्षों तक उन्होंने विवाह नहीं किया, क्योंकि वे सच्चे प्रेम की खोज में थे, एक ऐसी रानी जो उनके हृदय और आत्मा को समझ सके।
रेवती का पहला दृश्य
एक दिन महोत्सव के दौरान उनकी दृष्टि एक युवती पर पड़ी, जो मंदिर में दीप जलाकर पूजा कर रही थी। उसका नाम था रेवती, एक साधारण ब्राह्मण की बेटी, लेकिन उसकी आंखों में चमक थी, उसकी मुस्कान में दिव्यता। राजा आदित्य को पहली बार दिल की धड़कन महसूस हुई।
प्रेम का अंकुर
आदित्य ने रेवती से मित्रता की, लेकिन उसकी सरलता और भक्ति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे विवाह का प्रस्ताव दे डाला। रेवती ने स्वीकार किया, पर एक शर्त पर — “मैं आपकी रानी बनूंगी, पर आपको राजा होने से पहले प्रेमी होना होगा।”
महल में रानी
रेवती अब महल की रानी थी, लेकिन उसने अपनी सादगी नहीं छोड़ी। दोनों हर सुबह मंदिर में साथ पूजा करते, रात को एक-दूसरे के साथ कहानियाँ बाँटते। प्रजा कहती — “ये केवल राजा रानी नहीं, ये प्रेम के देवी-देवता हैं।”
युद्ध और वियोग
राजा आदित्य को पड़ोसी राज्य से युद्ध का आमंत्रण मिला। उन्होंने वादा किया कि वे लौटकर आएंगे। युद्ध कठिन था और कई महीने चलने के बाद झूठी अफवाह फैली — “राजा की मृत्यु हो गई है।”
रेवती टूट चुकी थी, पर उसने व्रत लिया — “जब तक मेरे आदित्य नहीं लौटते, मैं ना जल ग्रहण करूंगी, ना अन्न।”
प्रेम की विजय
आदित्य जीवित थे और लौटे, जब उन्होंने रेवती की स्थिति देखी तो उनकी आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। रेवती ने उन्हें देखा और मुस्कराई, “मैं जानती थी, तुम ज़रूर आओगे।”
इस प्रेम की गाथा ने इतिहास में एक अमर स्थान प्राप्त किया।
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“The Eternal Vow of Love – King Aditya and Queen Revati”

The Solitary King
Long ago in the kingdom of Sindhudweep lived a noble and just king – Aditya. Though his kingdom flourished, his heart was void. He yearned for a soulmate — a queen who would not just share his throne but also his soul.
The First Glimpse of Revati
One day during a grand festival, his eyes caught a graceful girl lighting a lamp in the temple. Her name was Revati — daughter of a humble Brahmin, yet her presence was ethereal. For the first time, King Aditya felt his heart beat for someone.
The Spark of Love
King Aditya started visiting the temple more often, not for the gods, but to glimpse Revati. When he proposed marriage, she humbly replied, “I will be your queen, only if you promise to love me like a man, not command like a king.”
The Queen of Hearts
Revati became queen but lived like a sage. Every dawn they prayed together, and every night they shared stories. The people said, “They are not just rulers, they are incarnations of love.”
Separation through War
A neighboring kingdom declared war. Aditya promised he would return. Months passed. Rumors of his death spread. Revati took a vow — “Till my Aditya returns, I shall not eat or drink.”
The Return of Love
Aditya returned. When he saw the frail yet glowing Revati, tears welled up in his eyes. She smiled, “I knew you would come back.”
Their love became a symbol — not of wealth or rule, but of sacrifice, faith, and eternal bond.
नैतिक संदेश (Moral Message)
- सच्चा प्रेम त्याग मांगता है, अधिकार नहीं।
- राजा होना आसान है, प्रेमी और साथी होना कठिन।
- विश्वास प्रेम का सबसे बड़ा स्तंभ है।
FAQs (with Schema Markup)
Q1: राजा रानी की सबसे प्रसिद्ध रोमांटिक कहानी कौन सी है?
A1: राजा आदित्य और रानी रेवती की यह काल्पनिक कहानी सच्चे प्रेम और विश्वास की मिसाल है।
Q2: क्या यह कहानी सच्ची है?
A2: यह एक प्रेरणात्मक और काल्पनिक कथा है, जो प्रेम के मूल्यों को दर्शाती है।