भगवन शिव के त्रिशूल, डमरु, सर्प माला, और चन्द्रमा की कथा in Hindi | Story of Lord Shiva’s Trishul, Damru, Snake Garland, and Moon in Hindi
1. जानें कैसे आया शिव जी का त्रिशूल ?
भगवान शिव सर्वश्रेष्ठ सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों के ज्ञाता हैं लेकिन पौराणिक कथाओं में इनके दो प्रमुख अस्त्रों का जिक्र आता है एक धनुष और दूसरा त्रिशूल। भगवान शिव के धनुष के बारे में तो यह कथा है कि इसका आविष्कार स्वयं शिव जी ने किया था। लेकिन त्रिशूल कैसे इनके पास आया इस विषय में कोई कथा नहीं है। माना जाता है कि सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मनाद से जब शिव प्रकट हुए तो साथ ही रज, तम, सत यह तीनों गुण भी प्रकट हुए। यही तीनों गुण शिव जी के तीन शूल यानी त्रिशूल बने। इनके बीच सांमजस्य बनाए बगैर सृष्टि का संचालन कठिन था। इसलिए शिव ने त्रिशूल रूप में इन तीनों गुणों को अपने हाथों में धारण किया।
2. जानें कैसे आया शिव के हाथों में डमरू?
भगवन शिव के हाथों में डमरू आने की कहानी बड़ी ही रोचक है। सृष्टि के आरंभ में जब देवी सरस्वती प्रकट हुई तब देवी ने अपनी वीणा के स्वर से सष्टि में ध्वनि जो जन्म दिया। लेकिन यह ध्वनि सुर और संगीत विहीन थी। उस समय भगवान शिव ने नृत्य करते हुए चौदह बार डमरू बजाए और इस ध्वनि से व्याकरण और संगीत के धन्द, ताल का जन्म हुआ। कहते हैं कि डमरू ब्रह्म का स्वरूप है जो दूर से विस्तृत नजर आता है लेकिन जैसे-जैसे ब्रह्म के करीब पहुंचते हैं वह संकुचित हो दूसरे सिरे से मिल जाता है और फिर विशालता की ओर बढ़ता है। सृष्टि में संतुलन के लिए इसे भी भगवान शिव अपने साथ लेकर प्रकट हुए थे।
3. जानें कैसे आया शिव के गले में विषधर नाग ?
भगवान शिव के साथ हमेशा नाग होता है। इस नाग का नाम है वासुकी। इस नाग के बारे में पुराणों में बताया गया है कि यह नागों के राजा हैं और नागलोक पर इनका शासन है। सागर मंथन के समय इन्होंने रस्सी का काम किया था जिससे सागर को मथा गया था। कहते हैं कि वासुकी नाग शिव के परम भक्त थे। इनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने इन्हें नागलोक का राजा बना दिया और साथ ही अपने गले में आभूषण की भांति लिपटे रहने का वरदान दिया।
4. जानें कैसे आया शिव के सिर पर चन्द्र ?
शिव पुराण के अनुसार चन्द्रमा का विवाह दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से हुआ था। यह कन्याएं 27 नक्षत्र हैं। इनमें चन्द्रमा रोहिणी से विशेष स्नेह करते थे। इसकी शिकायत जब अन्य कन्याओं ने दक्ष से की तो दक्ष ने चन्द्रमा को क्षय होने का शाप दे दिया। इस शाप बचने के लिए चन्द्रमा ने भगवान शिव की तपस्या की। चन्द्रमा की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने चन्द्रमा के प्राण बचाए और उन्हें अपने शीश पर स्थान दिया। जहां चन्द्रमा ने तपस्या की थी वह स्थान सोमनाथ कहलाता है। मान्यता है कि दक्ष के शाप से ही चन्द्रमा घटता बढ़ता रहता है।
भगवन शिव के त्रिशूल, डमरु, सर्प माला, और चन्द्रमा की कथा in English | Story of Lord Shiva’s Trishul, Damru, Snake Garland, and Moon in English
1. What is the trident of Lord Shiva?
Lord Shiva is the best knower of all types of weapons, but in mythology his two main weapons are mentioned, one is bow and the other is Trishul. There is a legend about Lord Shiva’s bow that it was invented by Lord Shiva himself. But there is no story about how the trishul came to him. It is believed that in the beginning of creation, when Shiva appeared from Brahmanaad, along with it all the three gunas, Raja, Tama, Sat also appeared. These three qualities became the three prongs of Lord Shiva i.e. Trishul. It was difficult to operate the universe without creating harmony between them. That’s why Shiva held these three qualities in his hands in the form of a trident.
2. Know how Damru came into the hands of Shiva?
The story of Damru coming into the hands of Lord Shiva is very interesting. When Goddess Saraswati appeared in the beginning of the creation, then the Goddess gave birth to sound in the creation with the sound of her Veena. But this sound was without tone and music. At that time, Lord Shiva, while dancing, played the Damru fourteen times and from this sound, the rhythm of grammar and music was born. It is said that Damru is the form of Brahma, which looks wide from a distance, but as it approaches Brahma, it narrows, meets the other end and then moves towards vastness. Lord Shiva also appeared with him for balance in the universe.
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3. Where did the poisonous snake around Shiva’s neck come from?
Lord Shiva is always accompanied by a snake. The name of this snake is Vasuki. It has been told in Puranas about this snake that he is the king of snakes and he rules Naglok. At the time of Sagar Manthan, he had worked as a rope by which the ocean was churned. It is said that Vasuki Nag was the supreme devotee of Shiva. Pleased with his devotion, Lord Shiva made him the king of Naglok and also gave him the boon of being wrapped around his neck like an ornament.
4. How did the moon reach on the head of Shiva?
According to Shiva Purana, Chandrama was married to 27 daughters of Daksha Prajapati. These girls are 27 constellations. Among them, Chandrama had special affection for Rohini. When other girls complained about this to Daksha, Daksha cursed the moon to decay. To avoid this curse, Chandrama did penance to Lord Shiva. Pleased with Chandrama’s penance, Lord Shiva saved Chandrama’s life and gave her a place on his head. The place where Chandrama did penance is called Somnath. It is believed that due to the curse of Daksha, the moon keeps increasing and decreasing.