हाथी और सियार की कहानी हिंदी में (story of elephant and jackal in Hindi)
एक जंगल में एक हाथी और एक सियार रहते थे। सियार जंगल में भूख के मारे इधर-उधर भटक रहा था। जंगल में घूमते हुए सियार एक स्थान पर आया जहां उसे एक हाथी दिखाई दिया। हाथी को देखकर सियार के मुंह में पानी आ गया। सियार हाथी को खाने की सोचने लगा।
यह सोचकर सियार हाथी के पास गया। सियार हाथी के पास गया और बोला, “हाथी, इस जंगल में बहुत से जानवर रहते हैं, लेकिन तुमसे बड़ा और समझदार कोई जानवर नहीं है।” क्या आप जंगल के राजा बनना चाहेंगे? सियार की यह बात हाथी को अच्छी लगी। हाथी ने सियार को जंगल का राजा बनने के लिए हाँ कह दिया।
हाथी के हाँ कहने पर सियार बोला, चल मेरे साथ। हाथी अपनी खुशी नहीं रोक सका और सियार के साथ चल पड़ा। सियार हाथी को एक तालाब में ले गया। सियार बोला, तुम तालाब में नहाने उतरो। तालाब में काफी दलदल था। राजा बनने की खुशी में हाथी तालाब में उतर गया। हाथी तालाब में डूबने लगा।
हाथी ने सियार से कहा कि तुम मुझे तालाब तक कैसे ले आए, मैं इसमें डूब रहा हूं। यह सुनकर सियार जोर-जोर से हंसने लगा। सियार ने कहा कि मैं तुम्हें अपना शिकार बनाना चाहता था, इसलिए मैं तुम्हें इस तालाब पर ले आया।
यह सुनकर हाथी मायूस होकर रोने लगा। हाथी ने तालाब से निकलने की बहुत कोशिश की। लेकिन निकल नहीं सका। धीरे-धीरे हाथी दलदल में धंसने लगा। हाथी को दलदल में फंसा देखकर सियार हाथी को खाने के लिए तालाब में उतर गया। जिसके बाद सियार के साथ हाथी भी दलदल में फंस गया और उसकी मौत हो गई.
कहानी से सीखें:
उपरोक्त कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वह खुद भी उस गड्ढे में गिरता है।
हाथी और सियार की कहानी इंग्लिश में (story of elephant and jackal in English)
An elephant and a jackal lived in a forest. The jackal was wandering hither and thither in the forest with hunger. While roaming in the forest, the jackal came to a place where he saw an elephant. The jackal’s mouth watered at the sight of the elephant. The jackal started thinking of eating the elephant.
Thinking this, the jackal went to the elephant. The jackal went to the elephant and said, “Elephant, many animals live in this forest, but no animal is bigger and wiser than you.” Would you like to be the king of the jungle? The elephant liked this talk of the jackal. The elephant said yes to the jackal to become the king of the jungle.
When the elephant said yes, the jackal said, come with me. The elephant could not contain his happiness and walked with the jackal. The jackal took the elephant to a pond. Jackal said, you get down to bathe in the pond. There was a lot of swamp in the pond. In the happiness of becoming the king, the elephant got into the pond. The elephant started sinking in the pond.
The elephant told the jackal that how did you bring me to the pond, I am drowning in it. The jackal started laughing loudly after hearing this. Jackal said that I wanted to make you my prey, so I brought you to this pond.
Hearing this, the elephant started crying in despair. The elephant tried hard to get out of the pond. But could not get out. Slowly the elephant started sinking into the swamp. Seeing the elephant trapped in the swamp, the jackal descended into the pond to eat the elephant. After which, along with the jackal, the elephant also got trapped in the swamp and died.
Moral of the story:
The above story teaches us that one who digs a pit for others, himself also falls into that pit.