गधे और धोबी की कहानी हिंदी में (story of the donkey and the washerman in Hindi )
एक गरीब धोबी था। उसके पास एक गधा था। गधा बहुत कमजोर था क्योंकि उसे बहुत कम खाना-पीना दिया जाता था। एक दिन धोबी को एक मरा हुआ बाघ मिला। धोबी ने सोचा कि मैं इस बाघ की खाल को गधे पर लाद दूं और इस गधे को पड़ोसियों के खेतों में चरने के लिए छोड़ दूं।
गधे को देखकर किसान समझ जाएगा कि यह असली शेर है। इससे डरकर वे दूर ही रहेंगे और गधा आराम से सारा खेत चर जाएगा। धोबी ने यह योजना बनाई और तुरंत इस योजना पर काम किया।
एक रात की बात है कि गधा खेत में चर रहा था। तभी गधे को गधे के रेंकने की आवाज सुनाई दी। इस आवाज को सुनकर गधा इतना उत्तेजित हो गया कि वह जोर-जोर से रेंकने लगा। गधे के चिल्लाने पर ग्रामीणों को गधे की असलियत पता चली। और लोगों ने गधे को खूब पीटा।
कहानी से सीख मिली:
उपरोक्त कहानी हमें सिखाती है कि सत्य कभी छिपता नहीं है। एक न एक दिन निकल आता है।
गधे और धोबी की कहानी हिंदी में (story of the donkey and the washerman in English)
There was a poor washerman. He had a donkey. The donkey was very weak because it was given very little food and drink. One day, the washerman found a dead tiger. The washerman thought that I should put this tiger skin on the donkey and leave this donkey to graze in the neighbors’ fields.
Seeing the donkey, the farmer will understand that it is a real tiger. Fearing this, they will stay away and the donkey will comfortably graze the whole field. Dhobi made this plan and immediately worked on this plan.
It is a matter of one night that the donkey was grazing in the field. Then the donkey heard the braying of a donkey. Hearing this voice, the donkey got so excited that he started braying loudly. The villagers came to know about the reality of the donkey by the shouting of the donkey. And people beat the donkey a lot.
Moral learned from the story:
The above story teaches us that truth never hides. It comes out one day or the other.