बंदर और लालची बिल्ली की कहानी in Hindi | Bandar Aur Lalchi BilliKi Kahani in Hindi
कभी एक जंगल हुआ करता था, और सभी जीव-जन्तु वहाँ शांति से रहते थे। कुल मिलाकर जानवर जंगल के रीति-रिवाजों और परंपराओं का सम्मान करते थे, और वे हर उत्सव में एक साथ शामिल होते थे। उनही में से दो बिल्लियाँ थीं, और उनके नाम पिंकी और चिंकी थे। वे एक दूसरे से बहुत प्यार करती थी और शायद ही कभी एक दूसरे से अलग देखे जाते थे। बीमार होने पर एक-दूसरे की देखभाल करना, एक साथ बाहर जाना और यहां तक कि जब वे दोनों बीमार थे तो एक साथ खाना भी खाते थे। वन के सरे जानवर निवासी उनकी इस मित्रता का गुणगान गाते थे।
एक बार की बात है चिंकी को बाजार में कुछ काम निपटाना था, लेकिन किसी कारण वश पिंकी उसके साथ नहीं जा सकी। पिंकी को खुद अकेले रहना अच्छा नहीं लगता था, इसलिए उसने अपने दोस्त के साथ बाजार जाने का फैसला किया।
रास्ते में चलते-चलते उसे एक रोटी का टुकड़ा मिला। उसे लगा कि वह केवल रोटी खाकर अपनी भूख मिटा सकती है, उसके मन में अकेले रोटी खाने का लालच आ गया और वह रोटी को अपने साथ घर ले आई। जैसे ही वह रोटी के टुकड़े को काटने वाली थी, चिंकी एक दम से वहाँ आ गई । जब चिंकी ने देखा कि उसके हाथ में रोटी है, तो उसने उससे सवाल किया कि पिंकी हम लोग सब कुछ साझा करते हैं और एक दूसरे साथ बाट कर खाते हैं, तो क्या आप आज मुझे आधी रोटी नहीं देना चाहोगी ?
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चिंकी की ओर देखते ही पिंकी का हृदय भय से भर उठा और वह मन ही मन मिनी को कोसने लगी। पिंकी ने गुस्से से जवाब दिया, “अरे नहीं दोस्त , मैं तो रोटी के दो हिस्से कर रही थी ताकि हम दोनों बराबर बराबर खा सकें।”
चिंकी सब कुछ जानती थी, लालच उसके दिमाग में घुस गया था, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। क्योकि पिंकी को ही रोटी मिली थी, उसने उसे कम देने का फैसला किया। चिंकी शिकायत करने लगी कि रोटी के टुकड़े बाटने में उसे रोटी काम मिली है । फिर भी पिंकी ने कहा कि रोटी बराबर रूप से बांटी गई।
इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा हो गया और बात धीरे-धीरे अंततः पूरे जंगल में फैल गयी । उन दोनों को लड़ते देखने के लिए जंगल का हर जानवर रुक गया । उसी क्षण वहां एक बंदर आया और बोला, “मैं तुम दोनों के बीच रोटी के टुकड़े बराबर-बराबर बांट दूंगा।” और दूसरे जानवर तुरंत बंदर की बात में हा मिलाने लगे।
दोनों में से कोई भी असा करना नहीं चाहता था लेकिन दोनों ने बन्दर को रोटी दी । बंदर कहीं से तराजू लेकर आया और दोनों ओर रोटी के टुकड़े रख दिए। जिस तरफ भी वजन ज्यादा होता, वो उस तरफ की थोड़ी-सी रोटी यह बोलकर खा लेता कि वो रोटी को दूसरी तरफ रखी रोटी के वजन के बराबर कर रहा है । वो जानबूझकर एक के बाद एक रोटी का टुकड़ा खा रहा था, जिससे दूसरी तरफ की रोटी वजन बराबर नहीं हो ।
इसका परिणाम यह हुआ कि रोटी के बहुत छोटे-छोटे टुकड़े दोनों तरफ रह गए। जब बिल्लियों को पता चला कि रोटी बहुत कम है, तो उन्होंने शिकायत करना शुरू कर दिया कि वे अपनी रोटी के टुकड़े वापस चाहती हैं। बची हुई रोटी हम आपस में बांट लेंगे।
उसके बाद, बंदर बोला की, “हे भगवान, तुम दोनों बहुत शातिर हो। क्या तुम मुझे मेरे सारे परिश्रम का फल नहीं दोगे? दोनों पलड़ों में बची रोटी के टुकड़ों को खाने के बाद बंदर भाग गया और दोनों बिल्लियाँ एक-दूसरे को घूरती रहीं।
कहानी से सिख
यह जरूरी है कि हम कभी भी लालची होकर काम न करें। यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास जो कुछ है उससे संतुष्ट रहें और हम एक दूसरे के साथ शांतिपूर्वक रहें। अधिक की हमारी चाहत के कारण, यह संभव है कि हमें लालच करने से जो हमारे पास है, उससे भी हाथ धोना पड़ सकता है।
बंदर और लालची बिल्ली की कहानी in English | Bandar Aur Lalchi Billi Ki Kahani in English
Once upon a time there used to be a forest, and all the creatures lived there peacefully. By and large the animals respected the customs and traditions of the forest, and they attended every festival together. There were two cats among them, and their names were Pinky and Chinky. They loved each other very much and were rarely seen apart from each other. Taking care of each other when they were sick, going out together and even eating together when they were both sick. All the animals of the forest used to sing praises of their friendship.
Once upon a time Chinki had to do some work in the market, but due to some reason Pinky could not go with her. Pinky herself did not like being alone, so she decided to go to the market with her friend.
While walking on the way, he found a piece of bread. She felt that she could satisfy her hunger only by eating roti, she was tempted to eat roti alone and brought the roti home with her. Just as she was about to bite off the piece of bread, Chinki suddenly appeared there. When Chinki saw that she had roti in her hand, she asked him that Pinky we share everything and share and eat with each other, so wouldn’t you like to give me half the roti today?
On seeing Chinki, Pinky’s heart was filled with fear and she started cursing Mini in her heart. Pinky replied angrily, “Oh no friend, I was dividing the roti into two parts so that both of us could eat equally.”
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Chinki knew everything, greed had entered her mind, but she said nothing. Since Pinky was the one who got the roti, he decided to give her less. Chinki started complaining that she got the job of bread in distributing pieces of bread. Still Pinky said that the bread was divided equally.
There was a fight between the two about this matter and the matter gradually spread in the whole forest. Every animal in the forest stopped to watch them fight. At that very moment a monkey came there and said, “I will divide the pieces of bread equally between you two.” And the other animals immediately started saying yes to the monkey.
Neither of them wanted to do so, but both gave bread to the monkey. The monkey brought scales from somewhere and placed pieces of bread on both sides. Whichever side had more weight, he used to eat a little roti from that side saying that he is making the roti equal to the weight of the roti kept on the other side. He was deliberately eating one piece of bread one after the other, so that the weight of the bread on the other side was not equal.
The result was that very small pieces of bread were left on both sides. When the cats realized that there was very little bread, they began to complain that they wanted their pieces of bread back. We will share the remaining bread among ourselves.
After that, the monkey said, “Oh God, you two are very clever. Won’t you reward me for all my hard work?” Stayed
lessons fromBandar Aur Lalchi Billi Ki story
It is important that we never act greedily. It is important that we are satisfied with what we have and that we live peacefully with each other. Because of our desire for more, it is possible that we may lose even what we have by being greedy.