शेखचिल्ली और कुएं की परियां | Sheikh Chilli and the Fairies of the Well
किसी समय की बात है, एक छोटे से गाँव में शेखचिल्ली नामक एक साधारण किसान निवास करता था। उसकी पहुँच साधनों की कमी और हरियाली के अभाव में हमेशा जीवन को एक उपहास की तरह देखता था। उसके पास कभी भी धन का अभाव नहीं था, लेकिन वह अक्सर अपने जीवन की घटनाओं को मजाक में बदल दिया करता था।
एक दिन, जब वह खेत से लौट रहा था, उसने रास्ते में एक पुराना और सूखा कुआं देखा। उसकी जिज्ञासा ने उसे कुएँ के पास खींच लिया। जैसे ही उसने कुएँ की ओर देखा, उसे वहाँ कुछ हलचल दिखाई दी। वह हिम्मत जुटाकर कुएँ के किनारे झुक गया, और अचानक से कुछ रहस्यमय छायाएँ उसके दृष्टिगत आईं। ये परियाँ थीं, जो कुएँ के पानी में बसी हुई थीं।
परियों में से एक, जो अत्यंत सुशोभित एवं सुंदर थी, ने कहा, “अरे, शेखचिल्ली, तुमने हमें देखा है। तुम पर हमारी कृपा होगी, क्योंकि हमने तुम्हारी विनम्रता और हंसी को सुना। हम तुम्हें तीन वरदान देंगे। इनमें से एक का उपयोग तुम अपने काम के लिए कर सकते हो।”
शेखचिल्ली ने चकित होकर कहा, “मुझे तो कभी कोई वरदान नहीं मिला, मैं कौन होता हूँ?” लेकिन उसकी उत्सुकता बढ़ी। उसने निर्णय लिया कि वह इन वरदानों का सही उपयोग करेगा।
पहला वरदान मांगने पर, उसने कहा, “मुझे एक बड़ा खेत चाहिए, जहाँ अनंत फसलें उग सकें।” परियों ने उसे एक विशाल खेत दिया, और वह खेत उसके जीवन का आधार बन गया।
दूसरा वरदान माँगते समय, उसने कहा, “मुझे धन चाहिए ताकि मैं इसके माध्यम से गाँव के अन्य लोगों की मदद कर सकूँ।” परियों ने उसे इतना धन दिया कि वह समृद्ध हो गया।
लेकिन अब, जब उसने तीसरे वरदान की बात की, तो वह सोच में पड़ गया। “क्या माँगूं?” उसने मन में सोचा। कठिनाई में पड़ा, उसने अंततः कहा, “मैं चाहता हूँ कि मुझे हमेशा हंसते रहना चाहिए, चाहे जीवन में कुछ भी हो।” परियों ने मुस्कुराते हुए उस वरदान को भी स्वीकार किया।
वे तीनों वरदान प्राप्त करने के बाद, शेखचिल्ली ने अपने गाँव में खुशियाँ फैलाना प्रारंभ किया। उसके पास धन और खेत तो थे ही, परंतु उसकी हंसी और सरलता ने गाँव की दुर्दशा को बदल दिया। उसकी हंसी ने पूरे गाँव को एक जुटता प्रदान किया, और धीरे-धीरे कठोरता और दुःख का स्थान उल्लास और समृद्धि ने ले लिया।
इस प्रकार, शेखचिल्ली ने न केवल अपने लिए वरदान प्राप्त किया, बल्कि वह एक प्रेरणा बना जो अन्य लोगों को भी खुशी और सहयोग की ओर ले गया। कुएँ की परियों ने उसकी जिंदगी को बदल दिया, लेकिन असली परिवर्तन उसकी सकारात्मक सोच और सादगी में छिपा था।
इस तरह, शेखचिल्ली ने यह साबित किया कि सही मानसिकता और हंसी से किसी भी कठिनाई का सामना किया जा सकता है। कुएँ की परियाँ उसकी मददगार बन गईं, लेकिन उसकी असली ताकत उसकी आत्मा में थी।
Sheikh Chilli and the Fairies of the Well
Once upon a time, in a small village lived a simple farmer named Sheikh Chilli. He always looked at life as a mockery due to his lack of access and greenery. He never lacked money, but he often turned the events of his life into a joke.
One day, while he was returning from the field, he saw an old and dry well on the way. His curiosity pulled him near the well. As soon as he looked towards the well, he saw some movement there. He gathered courage and leaned towards the edge of the well, and suddenly some mysterious shadows came into his sight. These were fairies, who were living in the water of the well.
One of the fairies, who was very graceful and beautiful, said, “Hey, Sheikh Chilli, you have seen us. We will bless you, because we heard your humility and laughter. We will give you three boons. You can use one of these for your work.”
Sheikh Chilli was surprised and said, “Who am I, since I have never received any boons?” But his curiosity grew. He decided that he would put these boons to good use.
When asking for the first boon, he said, “I want a big farm, where infinite crops can be grown.” The fairies gave him a huge farm, and that farm became the basis of his life.
When asking for the second boon, he said, “I want wealth so that I can help other people in the village through it.” The fairies gave him so much wealth that he became prosperous.
But now, when he spoke of the third boon, he was puzzled. “What should I ask for?” he thought. In a dilemma, he finally said, “I want that I should always keep laughing, no matter what happens in life.” The fairies accepted that boon too with a smile.
After receiving all three boons, Sheikh Chilli started spreading happiness in his village. He had wealth and farm, but his laughter and simplicity changed the plight of the village. His laughter brought the whole village together, and gradually the harshness and sadness gave way to joy and prosperity.
Thus, Sheikh Chilli not only achieved a boon for himself, but he became an inspiration that led others to happiness and cooperation. The fairies of the well changed his life, but the real change lay in his positive thinking and simplicity.
Thus, Sheikh Chilli proved that with the right mindset and laughter, any difficulty can be overcome. The fairies of the well became his helpers, but his real strength lay in his soul.