एक छोटा सा गाँव था जिसका नाम था “सुखपुर”. इस गाँव में शेखचिल्ली नामक एक व्यक्ति निवास करता था। उसका नाम आठों दिशाओं में मशहूर था, लेकिन उसकी प्रसिद्धि उसके बुध्दिमत्ता के लिए नहीं, बल्कि उसकी अद्भुत लापरवाही और हास्यास्पद कारनामों के लिए थी। शेखचिल्ली एक साधारण किसान था, परंतु वह हमेशा नए-नए सपनों और योजनाओं में खोया रहता था।
एक दिन, जब वह खेत में काम कर रहा था, उसके मन में एक विचार आया। उसने सोचा, “किसान तो मैं हूँ, किंतु यदि मैं खीर बना सकूं, तो इससे मुझे न केवल स्वाद मिलेगा, अपितु गाँव वालों के बीच मेरी मान्यता भी बढ़ेगी।” यह सोचकर उसने अपने घर की ओर कदम बढ़ाए, अपनी पत्नि से खीर बनाने का सामान मांगा और मिलाकर खीर बनाने की तैयारी की।
शेखचिल्ली ने चावल, दूध और चीनी एकत्र किए। किंतु जैसा कि उसकी आदत थी, उसने कुछ वक्त बाद सोचा, “खीर तो अच्छी होती है, किंतु क्या होगा यदि मैं उसमें कुछ खास चीजें डालूं?” यह विचार आते ही उसने कुछ मेवे, सूखे नारियल और इलायची भी जोड़ने का निश्चय किया। उसने उत्साह से सभी सामग्रियों को मिलाया और मिश्रण को आग पर चढ़ा दिया।
परंतु, आग की देखभाल करने में शेखचिल्ली ने एक गंभीर गलती की। वह खीर की ओर ध्यान देने के बजाय अपने आस-पास की चिड़ियों के मीठे गीतों में खो गया। जब उसे खीर का ध्यान आया, तब बहुत देर हो चुकी थी; खीर जल चुकी थी और उसकी खुशबू अब एक भयानक धुआं बन गई थी।
गाँव में एक सभा बुलाई गई थी, जिसमें सभी लोग इकट्ठा हुए थे। शेखचिल्ली ने सबको अपनी खीर का प्रमोदित अनुभव सुनाने का निश्चय किया। वह गर्व से बोला, “मैंने एक अद्भुत खीर बनाई है, जो स्वर्ग से भी मीठी है।” सभी उपस्थित लोग उसकी बात सुनकर आश्चर्यचकित हो गए। किसी ने कहा, “क्या तुम इतनी जल गई खीर के बारे में बात कर रहे हो?”
शेखचिल्ली ने उत्तर दिया, “जी हाँ! यह खीर जल गई, किंतु वह तो एक अनुभव है। मैं इसे सभी को छोड़ देता हूँ कि वे इसे एक नई परिभाषा दें।” उसकी बात सुनकर सभी लोग हंस पड़े।
इस प्रकार, गाँव वाले उसकी लापरवाहियों पर मुस्कुराते रहे और उसकी खीर की कहानी सुनकर बरसों तक हंसते रहे। शेखचिल्ली ने यह समझा कि कभी-कभी अपने सपनों का पीछा करते हुए असफलता को भी एक सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना आवश्यक होता है। इसी प्रकार, उसकी खीर की कहानी गाँव की एक लोकप्रिय परंपरा बन गई।
इस घटना ने इस बात को स्पष्ट किया कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाईयाँ आएं, हास्य और उत्साह से भरे रहने का महत्व सर्वोच्च होता है। शेखचिल्ली अपनी लापरवाहियों के कारण भले ही प्रसिद्ध हो, किंतु उसके दिल में सच्चा आनंद और उत्साह सदैव विद्यमान रहा।
Shekh Chilli’s Kheer
Once upon a time, there was a small village named “Sukhpur”. In this village lived a man named Sheikh Chilli. His name was famous in all the eight directions, but his fame was not for his intelligence, but for his amazing carelessness and funny exploits. Sheikh Chilli was an ordinary farmer, but he was always lost in new dreams and plans.
One day, while he was working in the field, an idea came to his mind. He thought, “I am a farmer, but if I can make kheer, it will not only give me taste, but will also increase my respect among the villagers.” Thinking this, he stepped towards his house, asked his wife for the ingredients to make kheer and prepared to make kheer by mixing them.
Shekh Chilli collected rice, milk and sugar. But as was his habit, after some time he thought, “Kheer is good, but what if I add some special things to it?” With this idea in mind, he decided to add some dry fruits, dry coconut and cardamom. He excitedly mixed all the ingredients and put the mixture on fire.
However, Sheikh Chilli made a grave mistake in tending to the fire. Instead of paying attention to the kheer, he was lost in the sweet songs of the birds around him. When he noticed the kheer, it was too late; the kheer had burnt and its fragrance had now turned into a horrible smoke.
A meeting was called in the village, where everyone had gathered. Sheikh Chilli decided to tell everyone about his ecstatic experience of kheer. He said proudly, “I have made a wonderful kheer, which is sweeter than heaven.” All present were surprised to hear him. Someone said, “Are you talking about the kheer that got so burnt?”
Shekh Chilli replied, “Yes! This kheer got burnt, but that is an experience. I leave it to everyone to give it a new definition.” Everyone laughed at his words.
Thus, the villagers smiled at his carefreeness and laughed at his kheer story for years. Sheikh Chilli understood that sometimes it is necessary to look at failure in a positive way while pursuing your dreams. Thus, his kheer story became a popular tradition in the village.
This incident made it clear that no matter how many difficulties come in life, the importance of staying full of humor and enthusiasm is paramount. Sheikh Chilli may be famous for his carefreeness, but true joy and enthusiasm always existed in his heart.