श्री राधा रानी ने पहली बार आंखें खोली || श्री राधा कृष्ण का पहला मिलन
भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा का नाम एक-दूसरे के बिना अधूरा है।
राधा और कृष्ण का प्रेम केवल मानव-प्रेम नहीं बल्कि आत्मा और परमात्मा का मिलन माना जाता है।
इस दिव्य प्रेम की शुरुआत उसी क्षण से हुई जब राधा रानी ने पहली बार अपनी आँखें खोलीं।
राधा रानी का जन्म
बरसाना नगरी के राजा वृषभानु और रानी कीर्तिदा भक्तिभाव से परिपूर्ण थे।
वर्षों की तपस्या और भगवान की कृपा से उनके घर एक दिव्य कन्या ने जन्म लिया – वही थीं श्रीराधा।
लेकिन उनके जन्म के साथ ही एक आश्चर्यजनक घटना घटी।
- नवजात राधा की आँखें बंद थीं।
- वे रोईं नहीं, बस शांत मुस्कान उनके चेहरे पर थी।
- महल के विद्वान और वैद्य हैरान थे कि यह कैसी अनोखी कन्या है।
वृषभानु और कीर्तिदा की चिंता
राजा और रानी अपनी पुत्री से अत्यधिक प्रेम करते थे, लेकिन एक चिंता उनके हृदय को कुरेदती रहती –
“हमारी राधा अपनी आँखें क्यों नहीं खोल रही? क्या वह अंधकार में ही जीवन बिताएगी?”
उन्होंने संतों से पूछा, देवताओं से प्रार्थना की, यज्ञ करवाए, परंतु समाधान नहीं मिला।
राधा न तो खेलतीं, न ही हँसतीं, बस मौन रहतीं।
उसी समय गोकुल में…
गोकुल में नंद बाबा और यशोदा के घर श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
वह बालक जो स्वयं परब्रह्म हैं, लेकिन यशोदा के लाल बनकर बाल्यलीलाएँ कर रहे थे।
कंस के भय के बीच भी गोकुलवासी कृष्ण की किलकारियों में आनंद पाते।
नंद बाबा का बरसाना आगमन
एक दिन नंद बाबा, यशोदा और नन्हें कृष्ण सहित बरसाना पहुँचे।
वृषभानु और कीर्तिदा ने उनका बड़े प्रेम से स्वागत किया।
नंद बाबा ने कृष्ण को गोद से उतारा और कहा –
“भाई वृषभानु, देखो हमारा कृष्ण कितना सुंदर है, सबके मन को मोह लेता है।”
उसी समय कीर्तिदा ने अपनी पुत्री राधा को भी पास लाकर शय्या पर लिटाया।
दिव्य मिलन का क्षण
जब राधा और कृष्ण पहली बार आमने-सामने आए, तब चमत्कार हुआ।
- जैसे ही कृष्ण पास आए, कमरे में दिव्य प्रकाश फैल गया।
- राधा, जो जन्म से अपनी आँखें बंद किए थीं, उन्होंने अचानक पहली बार अपनी पलकों को खोला।
- उनकी पहली दृष्टि में कोई मनुष्य नहीं, बल्कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे।
राधा मुस्कुराईं, कृष्ण किलकारियाँ मारने लगे, और पूरा वातावरण प्रेम से भर गया।
राधा का प्रथम दर्शन
कहा जाता है कि राधा ने इस संसार में सबसे पहले कृष्ण का ही दर्शन किया।
उनकी आँखें केवल कृष्ण के लिए खुली थीं।
गाँव के लोग विस्मित रह गए और बोले –
“यह कोई साधारण बालिका नहीं, यह तो दिव्य शक्ति का अवतार है।”
राधा-कृष्ण का शाश्वत संबंध
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि –
- कृष्ण बिना राधा अधूरे हैं।
- राधा का जीवन केवल कृष्णमय है।
- और कृष्ण का प्रेम केवल राधा के लिए है।
यही कारण है कि संसार में जहाँ भी कृष्ण का नाम लिया जाता है, वहाँ राधा का नाम पहले लिया जाता है – “राधे-कृष्ण”।
आध्यात्मिक महत्व
- राधा की आँखें खोलना केवल शारीरिक घटना नहीं थी।
- इसका गूढ़ अर्थ है – जब तक आत्मा ईश्वर से नहीं मिलती, तब तक वह अंधकार में रहती है।
- कृष्ण के दर्शन ने राधा की आँखें ही नहीं खोलीं, बल्कि भक्ति का द्वार भी खोल दिया।
बरसाना और गोकुल का आनंद
उस दिन से राधा और कृष्ण की बाल्यलीलाएँ धीरे-धीरे शुरू हुईं।
बरसाना और गोकुल में प्रेम और भक्ति का वातावरण बन गया।
हर व्यक्ति यह अनुभव करने लगा कि ये दोनों दिव्य आत्माएँ इस धरती पर केवल धर्म की स्थापना और प्रेम के प्रचार के लिए आई हैं।
➡️ (आगे की कथा – कृष्ण और फल विक्रेता – अगले भाग में लिखी जाएगी।)
सीख (Moral)
- सच्चा प्रेम ईश्वर के प्रति भक्ति से जुड़ा होता है, न कि सांसारिक इच्छाओं से।
- राधा का पहला मिलन हमें सिखाता है कि आत्मा का प्रकाश केवल ईश्वर की उपस्थिति से मिलता है।
- जहाँ राधा-कृष्ण का नाम है, वहाँ पवित्रता और प्रेम का वातावरण अवश्य होता है।
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When Radha Rani Opened Her Eyes for the First Time || The First Meeting of Radha and Krishna

The names Radha and Krishna are inseparable. Their bond is not just worldly love but the union of soul and Supreme, devotion and divinity. The story begins with Radha’s miraculous birth.
Birth of Radha Rani
In Barsana, King Vrishabhanu and Queen Kirti were blessed with a daughter – Radha.
She was the incarnation of Goddess Lakshmi, but something unusual happened.
- Baby Radha did not cry at birth.
- Her eyes remained closed.
- Her face glowed with calmness, leaving everyone amazed.
The Worry of Vrishabhanu and Kirti
Though overjoyed, the parents were anxious:
“Why won’t our Radha open her eyes? Will she live in darkness forever?”
They prayed, performed rituals, and consulted sages, but found no answer.
Radha remained serene, yet her eyes never opened.
Krishna’s Birth in Gokul
Meanwhile, in Gokul, Nanda and Yashoda were blessed with Lord Krishna.
His sweet cries spread joy, even as Kansa’s tyranny created fear everywhere.
The Visit to Barsana
One day, Nanda Baba, Yashoda, and little Krishna visited Barsana to meet Vrishabhanu’s family.
The palace was filled with joy as both divine families came together.
Queen Kirti brought baby Radha, still with closed eyes, and placed her near Krishna.
The Divine Moment
As soon as Krishna came close to Radha, a miracle happened.
- A divine light filled the chamber.
- Radha, who had never opened her eyes, slowly lifted her eyelids.
- Her very first vision in this world was Krishna.
Radha smiled, Krishna laughed, and the people around wept with joy at this divine union.
The First Meeting of Radha and Krishna
This was the first meeting of Radha and Krishna.
Radha opened her eyes only to see Krishna, proving that her life’s purpose was none other than him.
From that moment, the eternal bond of Radha-Krishna was sealed.
Spiritual Significance
- Radha opening her eyes symbolizes the soul awakening through devotion to God.
- Until the soul sees Krishna, it remains blind to truth.
- Radha’s first gaze upon Krishna represents the eternal truth – where there is devotion, there is God; and where there is God, devotion naturally follows.
The Joy of Barsana and Gokul
After this incident, Barsana and Gokul rejoiced together.
The villagers realized these divine children were destined to spread love, devotion, and dharma.
➡️ (The next story – Krishna and the Fruit Seller – will be continued in Part 2.)
Lessons (Moral)
- True love is devotion to God, not worldly desire.
- Radha’s first vision teaches us that the true light of life is seeing God.
- Radha-Krishna together symbolize eternal purity, love, and devotion.
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FAQs
Q1: श्री राधा रानी ने पहली बार आंखें क्यों नहीं खोलीं?
क्योंकि उनका जीवन केवल कृष्ण के दर्शन के लिए था। उनकी आँखें केवल कृष्ण के लिए खुलीं।
Q2: राधा ने सबसे पहले किसे देखा?
श्रीराधा ने अपनी पहली दृष्टि केवल भगवान श्रीकृष्ण पर डाली।
Q3: इस घटना का क्या महत्व है?
यह दर्शाता है कि आत्मा का जागरण केवल परमात्मा के दर्शन से होता है।
Q4: राधा और कृष्ण का पहला मिलन हमें क्या सिखाता है?
यह कि ईश्वर और भक्ति एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, और सच्चा प्रेम केवल दिव्यता में मिलता है।