श्रीकृष्ण द्वारा वात्सासुर वध की कथा – Vatsasura Vadh Story in Hindi
पढ़िए वात्सासुर वध की अद्भुत कथा, जब बछड़े के रूप में छिपकर आए राक्षस वात्सासुर को नन्हें कृष्ण ने खेल-खेल में पकड़कर समाप्त कर दिया।
गोकुल का आनंद
गोकुल की सुबह बड़ी ही मनमोहक थी।
ग्वालबाल गायों को चराने के लिए तैयार हो रहे थे।
चारों ओर हरियाली और वृंदावन की कोमल बयार बह रही थी।
नंद बाबा के आँगन से दूध-दही की सुगंध आ रही थी।
नन्हें कृष्ण और बलराम अपने मित्रों के साथ हँसते-खेलते गाय-बछड़ों को लेकर यमुना किनारे की ओर चल पड़े।
ग्वालबाल गाते हुए कहते—
“चलो भाई! आज हम खेल-खेल में नयी जगह चरागाह ढूँढेंगे।”
कंस की चाल
मथुरा में कंस का मन बार-बार उद्विग्न हो रहा था।
वह सोच रहा था—
“शकटासुर और तृणावर्त दोनों का अंत हो गया। यह बालक मेरी शक्ति से भी बच निकलता है। अब इसे रोकना ही होगा।”
इस बार उसने अपने एक दानव साथी को भेजा—वात्सासुर, जो बछड़े का रूप धारण करने में समर्थ था।
उसने आदेश दिया—
“गोकुल के ग्वालबालों के बीच जाओ और अवसर पाकर कृष्ण का अंत कर दो।”
🐄 बछड़े का वेश
ग्वालबाल अपने-अपने बछड़ों के साथ यमुना किनारे खेल रहे थे।
उसी समय वहाँ एक अनजान बछड़ा उनके झुंड में आ मिला।
वह देखने में तो सामान्य था, पर उसकी आँखों में असामान्य चमक थी।
कृष्ण ने मुस्कुराकर बलराम से कहा—
“दाऊ! देखो, यह बछड़ा कुछ अजीब-सा लग रहा है। इसकी चाल और नजर बाकी बछड़ों जैसी नहीं है।”
बलराम ने कहा—
“बिल्कुल सही लला! इसमें राक्षसी गंध है।”
कृष्ण का पराक्रम
कृष्ण ने खेलते-खेलते उस बछड़े की पूँछ पकड़ ली।
सभी ग्वालबाल आश्चर्य से देखने लगे।
वह बछड़ा अचानक छटपटाने लगा और अपना वास्तविक स्वरूप प्रकट करने लगा—
वह था वात्सासुर राक्षस।
लेकिन अब देर हो चुकी थी।
कृष्ण ने उसे घुमाकर आकाश में जोर से फेंका।
वह पर्वत की तरह नीचे गिरा और वहीं तड़पकर प्राण त्याग बैठा।
गोकुलवासियों का उल्लास
ग्वालबाल तालियाँ बजाकर बोले—
“वाह लला! तू तो अद्भुत है। तुझसे कोई मुकाबला नहीं कर सकता।”
बलराम ने मुस्कुराकर कहा—
“मेरा भाई तो साक्षात नारायण है, जो खेल-खेल में राक्षसों का भी अंत कर देता है।”
गोकुल लौटने पर सबने यह कथा सुनी तो गोपियाँ हाथ जोड़कर बोलीं—
“यह लला हमें हर संकट से बचाने आया है।”
आध्यात्मिक महत्व
- वात्सासुर वासना और छल का प्रतीक है।
- जैसे उसने बछड़े का वेश धारण किया, वैसे ही बुराई अक्सर मासूमियत का रूप लेकर आती है।
- कृष्ण ने यह सिखाया कि सच्चे भक्त को अपने विवेक से पहचानना चाहिए कि कौन मित्र है और कौन शत्रु।
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सीख (Moral)
- बुराई हमेशा छिपकर आती है, लेकिन सत्य और भक्ति उसे पहचान लेते हैं।
- जीवन में विवेक (wisdom) सबसे बड़ा हथियार है।
- भगवान हर परिस्थिति में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
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The Story of Vatsasura Vadh – When Krishna Killed the Calf Demon
Discover the fascinating story of Vatsasura Vadh, where demon Vatsasura disguised as a calf tried to harm Krishna and His friends, but was killed effortlessly.

Joy in Gokul
It was a beautiful morning in Gokul.
Krishna, Balarama, and their friends were joyfully taking calves to graze near the Yamuna river.
They laughed, played, and sang along the way.
Kansa’s Plot
Kansa grew restless after the failure of Shakatasura and Trinavarta.
He sent another demon—Vatsasura, who could disguise himself as a calf.
The demon’s plan was to blend into the herd and attack Krishna.
🐄 The Disguised Calf
While the cowherd boys played, a strange calf entered their herd.
Krishna noticed its unusual behavior and whispered to Balarama:
“Brother, this calf is not like the others. I sense danger.”
Balarama agreed, “Yes, this one carries a demonic aura.”
Krishna’s Power
Krishna suddenly grabbed the calf by its tail.
The demon revealed his true form, struggling to escape.
But Krishna swung him around with great force and threw him high into the sky.
The demon crashed to the ground, lifeless.
Villagers Rejoice
The cowherd boys clapped and cheered, “Our Krishna is amazing!”
Balarama smiled proudly, “My brother is divine. None can defeat Him.”
When the villagers heard the story, they bowed in reverence to Krishna.
Spiritual Meaning
- Vatsasura symbolizes desire and deception.
- Evil often hides in the form of innocence.
- Krishna teaches us to use wisdom to recognize truth from falsehood.
Moral
- Evil disguises itself, but truth and devotion expose it.
- Wisdom is the greatest weapon of life.
- God always protects His devotees.
FAQs
Q1: वात्सासुर कौन था?
वह एक राक्षस था जिसे कंस ने भेजा था और जिसने बछड़े का रूप धारण किया।
Q2: कृष्ण ने वात्सासुर का वध कैसे किया?
कृष्ण ने उसकी पूँछ पकड़कर उसे घुमाया और आकाश में फेंक दिया, जिससे वह गिरकर मर गया।
Q3: इस कथा से हमें क्या सीख मिलती है?
हमें हर परिस्थिति में विवेक से पहचानना चाहिए कि कौन मित्र है और कौन शत्रु।