महा मृत्युंजय मंत्र | Maha Mrityunjaya Mantra in Hindi
॥ जाप॥
ॐ त्रयम्बक यजामहे
सुगंधिम पुष्टि-वर्धनम्।।
उर्वारुकमेव बंधनान
मृत्योह-मृत्युक्षीय माँम्मृतात॥
अर्थ
ओम। मैं तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की पूजा और वंदना करता हूं वह जो सुगंधित है और जिसने सभी प्राणियों का पोषण किया है। मुझे इस सांसारिक जीवन के बंधन से मुक्त करो अपने अमर स्वरूप का बोध कराकर मुझे मृत्यु के भय से मुक्त करो।
महा मृत्युंजय मंत्र | Maha Mrityunjaya Mantra in English
॥ Jaap ॥
Om Tryambak Yajamahe
Sugandhim Pushtee-Vardhanam ।
Urvarukmeva Bandhanaan
Mrtyoh-Mrukshiya MaaMmrataat ॥
Meaning
Om. I adore and worship you the three-eyed Lord Shiva
the one who is fragrant and has norished all beings.
Free me from the bondage of this worldly life
free me from the fear of death by making me realize our immortal nature.
काम के लिए घर से निकलने से पहले या रात को सोने से पहले नौ बार महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।
दिन में 108 बार महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से आपको और आपके परिवार को स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
सर्वोत्तम परिणामों के लिए ब्रह्म मुहूर्त (सुबह लगभग 4:00 बजे) के दौरान मृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे अच्छा है।
इस लेख को पढ़ने के लिए समय निकालने के लिए धन्यवाद। कृपया इस लेख को दूसरों के साथ साझा करें। ताकि वह भी महा मृत्युंजय मंत्र के पाठ का लाभ उठा सके।
कौन सा महामृत्युंजय मंत्र सही है?
मृत संजीवनी मंत्र महामृत्युंजय मंत्र का दूसरा नाम है। ॐ त्र्यम्बकं ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वाः सुगंधि यजामहे पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बन्धनाणामृत्योर्मुखीय ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ, मन्त्र कहता है। शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के निकट का व्यक्ति भी इस मंत्र के जाप से पुनः जीवन प्राप्त कर सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी में क्या मतलब होता है?
आवाहन: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम्। बंधनन उर्वारुकमिव मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो सुगंधित हैं और जो हमें पोषित करते हैं, हिंदी में मंत्र के अर्थ के अनुसार। आइए हम मृत्यु और अनित्यता से वैसे ही स्वतंत्र हों जैसे फल शाखा की कैद से मुक्त हुए।
मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
रुद्राक्ष की माला पहनते समय महामृत्युंजय मंत्र या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है। महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार और लघु मृत्युंजय मंत्र का 11 लाख जप विधि विधान से आवश्यक है।
सोने से पहले कौन सा मंत्र दोहराना उचित है?
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेन्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदायत – गायत्री मंत्र में ऐसी शक्ति है कि यह बुरे सपनों के प्रभाव को नकार देता है। रोज रात को सोने से पहले इस मंत्र का जप करें।
महा मृत्युंजय मंत्र का 11 बार जाप किया जा सकता है?
ओम त्र्यंबकं यजामहे मंत्र का 11000 बार जप करने से रोग दूर होते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जप करने से पुत्र और यश की प्राप्ति होती है। साथ ही अकाल मृत्यु से भी बचा जाता है।