पुराने समय में, एक वीरान इलाके में एक भव्य महल हुआ करता था। इस महल की दीवारें आज भी रहस्य समेटे हुए खड़ी थीं। गाँव के लोगों का कहना था कि जो भी इस महल के अंदर गया, वह कभी लौटकर नहीं आया।
रहस्यमयी कहानियाँ
गाँव के बुजुर्गों के अनुसार, इस महल में कभी राजा अजय प्रताप सिंह रहा करते थे। राजा को तंत्र-मंत्र और काले जादू में गहरी रुचि थी। लेकिन एक दिन, उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि पूरी राजशाही रहस्यमयी तरीके से खत्म हो गई।
कई सालों बाद, जब कुछ लोगों ने महल में घुसने की कोशिश की, तो वे अजीब घटनाओं का शिकार हो गए। किसी को महल से रोने और हंसने की आवाज़ें सुनाई दीं, तो किसी ने चलती परछाइयों को महसूस किया।
महल में कदम रखने की हिम्मत
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अर्जुन, सौरभ, और नेहा – तीन दोस्त थे, जिन्हें डरावनी जगहों की सच्चाई जानने का जुनून था। उन्होंने सुना था कि इस महल में कुछ ऐसा रहस्य है, जिसे आज तक कोई सुलझा नहीं पाया।
जब वे अंधेरी रात में महल के पास पहुंचे, तो हवा अचानक ठंडी हो गई। दूर एक उल्लू की आवाज़ गूँज रही थी और महल के दरवाजे अपने-आप खुल गए, जैसे कोई उनका इंतजार कर रहा हो।
डरावनी घटनाएँ शुरू होती हैं
जैसे-जैसे वे महल के अंदर बढ़े, अजीब घटनाएँ होने लगीं। सीढ़ियाँ खुद-ब-खुद चरमराने लगीं, झूमर अपने आप हिलने लगे और अचानक उन्हें किसी के कदमों की आहट सुनाई दी।
तभी, एक खिड़की अपने-आप खुल गई, और तेज़ हवा के साथ एक पुराना कागज उड़कर अर्जुन के पैरों के पास गिरा। उस कागज में लिखा था: “अगर ज़िंदा रहना है, तो सूरज उगने से पहले यहाँ से चले जाओ!”
नेहा ने काँपती आवाज़ में कहा, “हमें अब भी यहाँ से निकल जाना चाहिए।”

भूत का रहस्य
लेकिन अर्जुन को इस रहस्य को सुलझाना था। उसने एक दरवाज़ा खोला और अंदर देखा – एक पुरानी पेंटिंग, जिसमें एक महिला थी, जिसकी आँखों में ग़म और क्रोध दोनों झलक रहे थे। तभी, अचानक पेंटिंग की आँखों से आँसू टपकने लगे।
सौरभ घबरा गया और उसने किताबों की अलमारी को ध्यान से देखा। अचानक, एक किताब अपने आप ज़मीन पर गिर गई। उसमें राजा अजय प्रताप सिंह की एक भयानक कहानी लिखी थी। राजा ने अपनी ही पत्नी रानी चारुलता पर काला जादू करने की कोशिश की थी, जिससे उसकी आत्मा अधूरी रह गई।
महल में गूँज रही डरावनी आवाज़ रानी चारुलता की आत्मा की थी, जो न्याय चाहती थी।
कैसे खत्म हुआ श्राप?
अर्जुन, नेहा और सौरभ ने मिलकर मंदिर के पुजारी से पवित्र जल लिया और महल में छिड़कने लगे। जैसे ही उन्होंने जल छिड़का, महल में तेज़ हवाएँ चलने लगीं, और अचानक एक ज़ोरदार चीख सुनाई दी।
रानी की आत्मा अचानक पेंटिंग से बाहर आई, और उनकी आँखों के सामने धुएँ में बदलकर आकाश में विलीन हो गई।
अब महल पूरी तरह शांत हो गया था।
अंतिम सत्य
उस रात के बाद, गाँव के लोगों ने कभी भी महल से अजीब आवाज़ें नहीं सुनीं। राजा के काले जादू का अंत हो चुका था और भूतिया महल का रहस्य हमेशा के लिए खत्म हो गया।
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