राजा और सच्चा प्यार कहानी in Hindi | King and True Love story in Hindi
सालों पहले सूरज नगर पर राजा महेंद्र का शासन था। राजा की तीन रानियाँ थीं। राजा अपनी तीनों पत्नियों में अपनी तीसरी पत्नी से सबसे अधिक प्रेम करता था, क्योंकि वह बहुत ही सुन्दर थी। उसकी सुंदरता के कारण राजा दूसरी और पहली पत्नी पर ध्यान नहीं दे सका। वह अपनी दूसरी पत्नी को दोस्त मानता था और पहली पत्नी की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता था।
इधर राजा की पहली पत्नी उससे बहुत प्यार करती थी, लेकिन राजा ने पहली रानी का प्यार कभी नहीं देखा। वह हमेशा अपनी तीसरी पत्नी के साथ व्यस्त रहता था। ऐसा होते हुए कई साल बीत गए। राजा की पहली पत्नी हर दिन इस उम्मीद में रहती थी कि राजा आज उसके पास आएगा। आज वह कुछ प्यार की बात करेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।
कुछ साल ऐसे ही बीत गए। एक दिन राजा महेंद्र अचानक गंभीर रूप से बीमार हो गए। उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता गया और उनके बचने की उम्मीद खत्म हो गई। तब राजा ने अपनी तीसरी पत्नी को बुलवाया। राजा की तीसरी पत्नी राजा के पास आई, तब राजा ने उससे पूछा कि मेरे बचने की संभावना बहुत कम है और मैं अकेले भगवान के पास नहीं जाना चाहता, क्या तुम मेरे साथ चलोगे?
राजा की बातें सुनकर रानी ने उसके साथ जाने से मना कर दिया और कहा कि अभी मेरा जीवन शेष है और मैं और जीना चाहती हूं। इसलिए मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकता। यह कहकर तीसरी रानी राजा के कक्ष से बाहर चली गई। फिर राजा दूसरी रानी को बुलाने को कहता है।
जब दूसरी रानी को पता चलता है कि राजा अपने अंतिम समय में है और अपनी पत्नी को अपने साथ ले जाना चाहता है, तो उसने राजा को पास आने से मना कर दिया। अपनी दोनों प्रिय रानी से निराश राजा ने सोचा कि मैंने अपनी पहली पत्नी को कभी समय नहीं दिया और न ही उससे प्रेम किया। अब मैं उसे कैसे बुला सकता हूँ? राजा ऐसा ही सोच रहा था, तभी पहली रानी बिना बुलाए ही राजा के पास पहुंच गई।
पहली रानी राजा की इच्छा जानती है, इसलिए वह सीधे राजा से कहती है, ‘महाराज, मैं आपके साथ जाने के लिए तैयार हूं। रानी की बात सुनकर राजा बहुत खुश हुआ। साथ ही वह इस बात से निराश था कि उसने जीवन भर उस रानी से अपने प्यार का इजहार ठीक से नहीं किया था, लेकिन वह उससे सबसे ज्यादा प्यार करती है।
उसी समय, राजगुरु एक प्रसिद्ध चिकित्सक को लाता है, जो राजा के स्वास्थ्य का इलाज करता है। राजा के ठीक होते ही वह अपनी पहली रानी से प्रेम करने लगा। राजा अपनी पहली रानी को हमेशा अपने पास रखता था और दोनों महल में खुशी-खुशी रहने लगे।
कहानी से सीखें
किसी को सुंदरता से प्यार नहीं करना चाहिए, बल्कि उसके दिल और आचरण से प्यार करना चाहिए।
राजा और सच्चा प्यार कहानी in English | King and True Love story in English
Years ago Suraj Nagar was ruled by King Mahendra. The king had three queens. The king loved his third wife the most among his three wives, because she was very beautiful. Because of her beauty, the king could not pay attention to the second and first wife. He considered his second wife as a friend and did not pay any attention to the first wife.
Here the king’s first wife loved him very much, but the king never saw the love of the first queen. He was always busy with his third wife. Many years passed while this happened. The first wife of the king lived every day in the hope that the king would come to her today. Today he would talk of some love, but it never happened.
Few years passed like this. One day King Mahendra suddenly became seriously ill. His health rapidly deteriorated and his survival was lost. Then the king called his third wife. The king’s third wife came to the king, then the king asked her that my chances of survival are very less and I don’t want to go to God alone, will you go with me?
After listening to the king’s words, the queen refused to go with him and said that I still have life left and I want to live more. That’s why I can’t go with you. Saying this, the third queen went out of the king’s room. Then the king asks to call another queen.
When the second queen learns that the king is in his last days and wants to take his wife with him, she refuses to let the king come near. Disappointed with both his beloved queen, the king thought that I never gave time to my first wife nor did I love her. How can I call her now? The king was thinking like this, then the first queen reached the king without being invited.
The first queen knows the king’s wish, so she directly tells the king, ‘Your Majesty, I am ready to go with you. The king was very happy after listening to the queen. Also he was disappointed that he had not properly expressed his love to that queen throughout his life, but she loves him the most.
At the same time, Rajguru brings a famous doctor, who cures the king’s health. As soon as the king got well, he started loving his first queen. The king always kept his first queen with him and both lived happily ever after in the palace.
Moral from the story
One should not love the beauty but one should love her heart and conduct.