गुलाब का घमंड कहानी in Hindi | Rose Vanity Story in Hindi
एक बार की बात है, दूर एक टापू में, एक गुलाब का फूल था जिसे अपने सुंदर रूप पर बहुत गर्व था। उसकी एकमात्र शिकायत थी के उस हे पास में एक बदसूरत कैक्टस था ।
हर दिन, सुंदर गुलाब कैक्टस को उसकी शक्ल पर अपमानित और उपहास करता था, जबकि कैक्टस शांत रहता था। आस-पास के सभी पौधों ने गुलाब को समझने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी सुंदरता क अहंकार में अँधा और अहंकारी हो चूका था।
देवी मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Devi Story of Munshi Premchand
एक चिलचिलाती गर्मी में, टापू सूख गया, और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। गुलाब जल्दी मुरझाने लगा। उसकी खूबसूरत पंखुड़ियां सूख गईं, उनका रसीला रंग खो गया।
कैक्टस की ओर देखते हुए उसने देखा कि एक गौरैया पानी पीने के लिए कैक्टस में अपनी चोंच डुबा रही है। हालांकि अब उसे अपने कर्म पर शर्म आ रही थी, फिर भी गुलाब ने कैक्टस से पूछा कि क्या वह थोड़ा पानी पी सकती है। दयालु कैक्टस आसानी से सहमत हो गया, दोस्तों के रूप में कठिन गर्मी में भी उसने गुलाब की मदद की।
कहानी से सीखें
कभी किसी को उस की सुंदरता से जज मत करो।
घमंडी गुलाब, Ghamandi Gulab, घमंडी गुलाब की कहानी, Ghamandi Gulab Ki Kahani, the Proud Rose Story in Hindi, गुलाब का घमंड, Gulab Ka Ghamand, घमंडी गुलाब का फूल, a Proud Red Rose Story in Hindi, Gulab Ke Phool Ki Kahani, Proud Red Rose Story, गुलाब के फूल की कहानी, Ghamandi Gulab Kahani, Ghamandi Gulab Ka Phool
गुलाब का घमंड कहानी in English | Rose Vanity Story in English
Once upon a time, in an island far away, there was a rose flower that was very proud of its beautiful appearance. His only complaint was that he had a cactus nearby.
Every day the beautiful rose insulted and ridiculed the cactus on its appearance, while the cactus remained calm. Tried to understand all the aspects around, but he had become egoistically blind and egotistical in his aesthetics.
In the scorching heat, the island dried up, and there was no water left for the feet. Started withering quickly. Their beautiful petals withered, and lost their lush color. Looking towards the cactus, he saw a Rangaiya dipping its beak into the cactus to drink water.
भगवान श्री कृष्ण की कुलदेवी कहानी | Kuldevi Story of Lord Shri Krishna
Even though she was now ashamed of her deed, the rose asked the cactus if she could have a drink of water. The kind cactus readily agreed, as friends they helped the rose even in the harsh summer.
Moral from the story
Never judge someone by their beauty.