भूमिका
“कफ़न” मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एक यथार्थवादी और व्यंग्यात्मक हिंदी कहानी है, जो गरीबी, समाज की संवेदनहीनता और मानवीय स्वभाव को दर्शाती है। यह कहानी एक गरीब बाप-बेटे की भावनाशून्यता और स्वार्थी प्रवृत्ति को उजागर करती है, जहाँ वे अपनी मृत बहू/पत्नी के लिए कफ़न खरीदने के बजाय शराब और भोजन में पैसे उड़ा देते हैं।
पात्र परिचय
1. घीसू: एक आलसी और बूढ़ा आदमी, जो मजदूरी न करके दूसरों की दया पर निर्भर रहता है।
2. माधव: घीसू का बेटा, जो अपने पिता के नक्शे-कदम पर चल रहा है, निठल्ला और गैर-जिम्मेदार।
3. माधव की पत्नी: कहानी में दिखाई नहीं देती, लेकिन उसकी मृत्यु कहानी का मुख्य मोड़ है।
कफ़न कहानी की संपूर्ण कथा
गरीबी और लाचारी का चित्रण
कहानी एक बेहद गरीब परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। घीसू और माधव मजदूरी करने के बजाय दिनभर बैठे रहते हैं और दूसरों के घरों से माँगकर अपना पेट भरते हैं।
माधव की पत्नी गर्भवती होती है और प्रसव पीड़ा से कराहती रहती है, लेकिन ये दोनों कुछ भी करने की बजाय आग तापते रहते हैं। उनके मन में कोई दया या चिंता नहीं होती।
पत्नी की मृत्यु और पिता-पुत्र की बेरुखी
रातभर माधव की पत्नी दर्द से कराहती है और सुबह बिना किसी चिकित्सा के उसकी मृत्यु हो जाती है। इसके बावजूद घीसू और माधव अभी भी दुखी नहीं होते।
वे यह सोचने लगते हैं कि अब लोगों से सहायता माँगकर पैसे इकट्ठे किए जा सकते हैं।
गाँववालों की दयालुता और मदद
गाँव के लोग दोनों की बेचैनी देखकर सहानुभूति जताते हैं और अंतिम संस्कार के लिए पैसे इकट्ठे करके देते हैं। उन्हें लगता है कि बेचारे गरीब लोग हैं, इसलिए मदद की जानी चाहिए।
कफ़न खरीदने के बजाय शराब पीना
पैसे मिलते ही घीसू और माधव शव जलाने के लिए कफ़न खरीदने जाते हैं, लेकिन रास्ते में वे शराब की दुकान पर रुकते हैं।
वे सोचते हैं, “मरी हुई औरत को कफ़न की क्या जरूरत?” और उस पैसे से शराब और पकवान खा-पीकर नशे में धुत्त हो जाते हैं।
अंत: समाज का करारा व्यंग्य
नशे की हालत में घीसू और माधव अपनी मृतक पत्नी/बहू के बारे में भावुक बातें करने लगते हैं। वे कहते हैं कि अब वह स्वर्ग में होगी, वहाँ देवता उसे रेशमी कफ़न देंगे।
यह दृश्य समाज पर एक तीखा व्यंग्य है, जहाँ गरीब अपनी गरीबी के कारण संवेदनहीन बन चुके हैं और खुद को ही धोखा देने लगे हैं।
कहानी की विशेषताएँ
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📌 यथार्थवाद का उत्कृष्ट उदाहरण – गरीबी की त्रासदी और समाज की उदासीनता को दर्शाती है।
📌 व्यंग्य और कटाक्ष – समाज की दोहरी मानसिकता पर करारा प्रहार।
📌 संवेदनहीनता की पराकाष्ठा – गरीबी इंसान को किस हद तक गिरा सकती है, इसे दिखाया गया है।
📌 सरल भाषा और प्रभावशाली शैली – प्रेमचंद का लेखन आम पाठकों के लिए सहज और सशक्त है।
कफ़न कहानी से मिलने वाली सीख
📖 1. गरीबी और समाज की असंवेदनशीलता – गरीबों की मदद से ज्यादा, उनकी मानसिकता को बदलना ज़रूरी है।
📖 2. मेहनत और ईमानदारी का महत्व – आलसी और निकम्मे लोग जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते।
📖 3. सामाजिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह – समाज में गरीबों की वास्तविक मदद कैसे की जानी चाहिए?
📖 4. संवेदनहीनता की जड़ें – गरीबी और लाचारी इंसान को पत्थरदिल बना सकती है।
🔹 कफ़न कहानी का नैतिक संदेश
“गरीबी केवल धन की नहीं, बल्कि मानसिकता की भी होती है।”
“मृत्यु की पीड़ा से ज्यादा, संवेदनहीनता की पीड़ा भयानक होती है।”
“सच्ची मदद वही होती है जो किसी को आत्मनिर्भर बनाए, न कि उसे और निकम्मा बना दे।”
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📖 सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुति – सभी पाठकों के लिए सहज और रोचक।
🎭 यथार्थवाद और शिक्षाप्रद संदेश – मानवीय स्वभाव और समाज की सच्चाई को दर्शाने वाली कथा।
💡 प्रतियोगी परीक्षाओं और साहित्य प्रेमियों के लिए उपयोगी – हिंदी साहित्य के स्वर्ण युग की एक अनमोल रचना।