पढ़ें “नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए” की पूरी लोरी, जानें इसका इतिहास, बच्चों के लिए महत्व और क्यों यह हिंदी की सबसे लोकप्रिय लोरियों में से एक है।
लोरियों का महत्व
भारत में लोरी गाने की परंपरा बहुत पुरानी है। जब मां या नानी बच्चों को सुलाती हैं, तो वह अक्सर मीठी-सी लोरी गाती हैं। ये लोरियाँ बच्चों को न केवल सुलाने में मदद करती हैं, बल्कि उनमें संस्कृति, भाषा और भावनात्मक सुरक्षा का भी संचार करती हैं।
एक ऐसी ही प्रसिद्ध और पीढ़ियों से चली आ रही लोरी है – “नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए”। इस लोरी की सरल भाषा, दिल को छूने वाली धुन और प्यारी कहानी ने इसे हर बच्चे की पसंद बना दिया है।
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए – पूरी लोरी (Lyrics)
Lyrics in Hindi:
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए (२)खाके पीके मोटे होके चोर बैठे रेल में
चोरों वाला डिब्बा कट के पहुँचा सीधा जेल में (२)नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकी जो बचा था काले चोर ले गएउन चोरों की खूब खबर ली मोटे थानेदार ने
मोरों को भी खूब नचाया जंगल की सरकार ने (२)नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकी जो बचा था काले चोर ले गएअच्छी नानी प्यारी नानी रूसा रूसी छोड़ दे
जल्दी से एक पैसा दे दे तू कंजूसी छोड़ दे
अच्छी नानी प्यारी नानी रूठा रूठी छोड़ दे
जल्दी से एक पैसा दे दे तू कंजूसी छोड़ देनानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए (२)Lyrics in English:
Naani teri morni ko mor le gaye
baaki jo bacha tha kaale chor le gaye (2)khaake peekhe mote hoke chor baithe rail me
choron waala dabaa kat ke pahunchaa seedha jail me (2)Nani teri morni ko mor le gaye
baaki jo bacha tha kaale chor le gayeun choron ki khoob khabar li mote thaanedaar ne
moron ko bhi khoob nachaaya jungle ki sarkaar ne (2)Nani teri morni ko mor le gaye
baaki jo bacha tha kaale chor le gayeachchi naani pyaari naani roosa roosi chhod de
jaldi se ek paisa de de tu kanjoosi chhod de
achchi naani pyaari naani rootha roothi chhod de
jaldi se ek paisa de de tu kanjoosi chhod deNani teri morni ko mor le gaye
baaki jo bacha tha kaale chor le gaye (2)
लोरी का इतिहास और मूल
“नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए” को पहली बार लोकप्रियता मिली जब इसे 1960 में आई हिंदी फिल्म “मासूम” में शामिल किया गया। इस गाने को बच्चे की आवाज़ में गाया गया था और यह तुरंत ही हर बच्चे के दिल में बस गया।
लेखक और संगीतकार:
- गीतकार: शकील बदायुनी
- संगीतकार: नौशाद
- गायक: शमशाद बेगम
यह गीत अब सार्वजनिक डोमेन (Public Domain) में आता है, जिसका अर्थ है कि इसके उपयोग में कॉपीराइट बाधाएं नहीं हैं (विशेष रूप से पारंपरिक लोरी के रूप में)।
बच्चों के लिए लोरी का महत्व
1. भावनात्मक जुड़ाव
जब मां या दादी यह लोरी गाती हैं, तो बच्चा उनके स्वर और शब्दों से जुड़ाव महसूस करता है। यह जुड़ाव बच्चे में विश्वास और सुरक्षा की भावना विकसित करता है।
2. भाषा विकास
इस लोरी में सरल हिंदी शब्दों का प्रयोग किया गया है। बच्चा धीरे-धीरे शब्दों को पहचानने और उच्चारण करने लगता है, जिससे उसका भाषाई विकास होता है।
3. सांस्कृतिक विरासत
यह लोरी केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। जब बच्चे इसे सुनते हैं, तो वे हमारी परंपराओं और मूल्यों से परिचित होते हैं।
“नानी तेरी मोरनी” क्यों है सबसे लोकप्रिय हिंदी लोरी?
✅ सरल और मधुर शब्दावली
इस लोरी की भाषा इतनी आसान है कि छोटे बच्चे भी इसे जल्दी याद कर लेते हैं।
✅ प्यारी कल्पनाशीलता
मोर, मोरनी, काले चोर, कौआ – ये सब मिलकर एक कल्पनाओं की दुनिया रचते हैं जो बच्चों को बहुत आकर्षित करती है।
✅ हर उम्र के लिए उपयुक्त
यह गीत न केवल बच्चों बल्कि बड़ों को भी nostalgia का अनुभव कराता है।
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🧒 इस गीत की खासियत
- बच्चों के मन को भाने वाली सरल भाषा
- जानवरों, परियों और राजकुमारी की कल्पना
- लोरी के रूप में नींद के लिए उपयुक्त
- नैतिकता और कल्पना को जोड़ने वाला गीत
क्यों सिखाएं बच्चों को “नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए”
यह लोरी केवल एक गाना नहीं, बल्कि बचपन की यादें, संस्कार और भावनाओं का संगम है। इसे सुनकर न केवल बच्चे मुस्कुराते हैं, बल्कि माता-पिता और दादा-दादी भी अपने बचपन में लौट जाते हैं। ऐसे गीत हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं जिन्हें हमें आगे की पीढ़ियों को सिखाना चाहिए।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. “नानी तेरी मोरनी” लोरी किसने लिखी थी?
A1. यह लोरी मूल रूप से शकील बदायुनी ने लिखी थी और इसे नौशाद ने संगीतबद्ध किया था।
Q2. क्या यह लोरी कॉपीराइट फ्री है?
A2. हाँ, पारंपरिक लोरी के रूप में इसके उपयोग पर कोई कॉपीराइट प्रतिबंध नहीं है।
Q3. यह लोरी बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद है?
A3. यह बच्चों के भाषा विकास, भावनात्मक सुरक्षा और सांस्कृतिक जुड़ाव में सहायक है।
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