गोल गोल रानी कविता – बच्चों के लिए मज़ेदार और शिक्षाप्रद कविता

पढ़िए “गोल गोल रानी, इतना इतना पानी” कविता के बोल, अर्थ और इसे बच्चों की सीखने की दुनिया में कैसे शामिल किया जा सकता है। एक लोरी जो खेल, कल्पना और शिक्षा का मेल है।

🌀 “गोल गोल रानी, इतना इतना पानी” – एक प्यारी लोरी जो बच्चों की कल्पना को पंख देती है

🌈 जब कविता बन जाए कल्पना का खेल – “गोल गोल रानी” की कहानी

बचपन की कई यादें ऐसी होती हैं जो हमें शब्दों से नहीं, लय और भाव से याद रहती हैं। “गोल गोल रानी, इतना इतना पानी” एक ऐसी ही लघु हिंदी कविता है जिसे माँ, दादी या शिक्षक बच्चों को गुनगुनाते हुए सिखाते हैं।

यह कविता केवल मनोरंजन नहीं है, यह बच्चों के भाषा विकास, कल्पनाशक्ति और सीखने की शुरुआत भी बन सकती है।


🎵 “गोल गोल रानी” कविता के बोल (Lyrics in Hindi)

गोल गोल रानी,
इतना इतना पानी,
पानी में फिसली मछली,
बोली – अरे मम्मी बचाओ!

मम्मी बोली – डांट दूंगी,
डांट के बोलूंगी,
फिसल के मत चलो!

रानी बोली – ठीक है मम्मी,
अब से चलूंगी धीरे,
न पैर फिसलेंगे, न गिरूंगी,
सुन ली मैंने तेरी बात प्यारी।

मछली ने फिर किया नाटक,
घूमी, कूदी, किया गुलाट,
बच्चों ने ताली बजाई,
सबने कहा – क्या बात!

रानी ने फिर पकड़ी नाव,
नानी संग चली सैर को,
नदी में तैरी मछलियाँ,
बुलाया सबको प्यार से वो।

नाव में बैठी डॉल रानी,
सपनों की उसकी थी कहानी,
बोल पड़ी नन्ही सी प्यारी,
“मम्मी, ये नदी कितनी सुहानी!”

तभी अचानक आई बूँदें,
बादल गरजे, चमके तारे,
मछली बोली – अब चलो,
चलें घर लौट सवेरे।

रानी हँसी, बोली – ठीक,
मगर कल फिर आऊँगी,
फिर से पानी में खेलूँगी,
फिर से गीत सुनाऊँगी।

गोल गोल रानी चली घर,
थकी हुई, मगर मुस्काई,
नानी ने फिर गोदी ली,
लोरी सुनाई, नींद आई।


📖 इस कविता का अर्थ और संदेश

यह कविता सरल, मनोरंजक और संवादात्मक शैली में बच्चों को सावधानी और सतर्कता का संदेश देती है। जब बच्चा मछली की फिसलन की कल्पना करता है, वह हँसता है, पर साथ ही खुद भी सावधान रहना सीखता है।

🔍 कविता के पीछे छिपे छोटे-छोटे सबक:

  • फिसलन से सावधानी – “फिसल के मत चलो”
  • माता-पिता की चेतावनी – “मम्मी बोली डांट दूंगी”
  • प्रकृति से जुड़ाव – पानी, मछली जैसे तत्वों से बच्चा जुड़ता है
  • रील थ्रू राइमिंग – गोल, बोल, डांट, फिसल जैसे शब्दों से भाषाई विकास

🎨 बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियाँ

1. 🖌️ ड्राइंग टास्क:

बच्चों से “गोल गोल रानी” की कल्पना करवा कर मछली, पानी और रानी की चित्रकारी करवा सकते हैं।

2. 🎭 एक्टिंग गेम:

इस कविता को नाटक की तरह enact करवा सकते हैं – जिससे बच्चे में शब्दों की समझ और आत्मविश्वास दोनों बढ़ेगा।

3. 🔤 वर्ण और राइमिंग वर्ड्स अभ्यास:

“गोल”, “पानी”, “फिसला” जैसे शब्दों को लेकर नए शब्द बनवाएं, जिससे बच्चे की शब्दावली बढ़े।


📚 बाल विकास में लघु कविताओं की भूमिका

🧠 मानसिक और भाषाई विकास:

लघु कविताएं बच्चों को शब्दों की लय और उच्चारण में पारंगत बनाती हैं। इससे उनका भाषाई कौशल तेज़ी से विकसित होता है।

🗣️ सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव:

जब बच्चे माँ या शिक्षक के साथ कविता बोलते हैं, तो उनके भीतर भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है।

🎶 लयबद्धता और संगीत प्रेम:

“गोल गोल रानी” जैसी कविताएं बच्चों के भीतर संगीतात्मक समझ को भी जन्म देती हैं।


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🧒🏼 शिक्षा के लिए इस्तेमाल: प्री-स्कूल और नर्सरी में

  • प्री-स्कूल एक्टिविटी – बच्चों को लाइन-बाय-लाइन रटवाएं
  • कक्षा की प्रस्तुति – एक बच्चा मछली बने, दूसरा रानी
  • Story Circle Time – बच्चे अपनी कल्पनाएँ जोड़ें कि मछली को कैसे बचाया गया

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FAQs – गोल गोल रानी कविता को लेकर सवाल

Q1: “गोल गोल रानी” कविता की उम्र सीमा क्या है?
Ans: यह कविता 2 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए उपयुक्त है।

Q2: क्या यह कविता स्कूल एक्टिविटी में इस्तेमाल हो सकती है?
Ans: हां, यह एक शानदार लघु कविता है जिसे प्ले स्कूल या नर्सरी में enact किया जा सकता है।

Q3: क्या इस कविता का कोई वीडियो संस्करण भी उपलब्ध है?
Ans: जी हाँ, YouTube पर इसके कई बाल अनुकूल संस्करण उपलब्ध हैं।


✨ निष्कर्ष – कविता जो केवल राइम नहीं, एक सीख है

गोल गोल रानी, इतना इतना पानी” एक छोटी लेकिन बेहद प्रभावशाली कविता है जो बच्चों को हँसाते हुए सिखाती भी है। यह लोरी मातृत्व, संवाद, और सीख को एक साथ जोड़ने का बेहतरीन जरिया है।


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