प्राचीन राज्य और राजा आर्यमान की जीवन कथा
बहुत समय पहले पर्वतों से घिरा एक समृद्ध राज्य था—सोमनगरी।
यह राज्य न केवल धन-दौलत में समृद्ध था बल्कि अपने पराक्रमी और न्यायप्रिय राजा आर्यमान के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध था।
लोग उन्हें देवता के समान मानते थे, क्योंकि वह सिर्फ शासन ही नहीं करते थे,
बल्कि जनता की हर छोटी-बड़ी परेशानी का समाधान स्वयं करते थे।
लेकिन जितना अधिक सम्मान और प्यार राजा को मिलता था,
उतनी ही जलन और नफ़रत पैदा होती थी पड़ोसी राज्य के कपटी शासक कौटिल्य के भीतर।
कौटिल्य चाहता था कि सोमनगरी उसकी सत्ता के आगे झुक जाए।
जब यह संभव नहीं हुआ, उसने इतिहास के सबसे घिनौने षड्यंत्र की योजना बना डाली।
धोखे की रात और अंधकार का आरंभ
एक शांत, सन्नाटे भरी रात…
कौटिल्य के भेजे हुए सैनिक किले में घुस आए।
राजा के परिवार और राजदरबार के सेनापतियों के लिए बन रहे भोजन में
उन्होंने काला विष मिला दिया—एक ऐसा ज़हर जिसे पकड़ना असंभव था।
जब भोजन परोसा गया,
हँसी से भरा राजमहल चीखों में बदल गया।
कुछ ही पलों में राजा की रानी देवप्रभा और उनका छोटा पुत्र प्रह्लाद वहीं ढेर हो गए।
राजा बच तो गए,
लेकिन उनके भीतर का राजा—मर चुका था।
प्रतिज्ञा—“मैं तेरा अंत कर दूँगा, कौटिल्य!”
अपनी पत्नी और बच्चे की चिता के सामने
राजा की आँखें लाल हो गईं, आवाज़ काँपने लगी।
उन्होंने आसमान की ओर देखते हुए कहा—
“मैं शपथ लेता हूँ कि
कौटिल्य…
तुझे इस धरती से मिटाकर रहूँगा।”
यह प्रतिज्ञा केवल शब्द नहीं थी—
यह तबाही का प्रारंभ थी।
अग्नि-ऋषि का वरदान और दिव्य शक्ति
शोक और क्रोध से भरे राजा एक दिन घने जंगल में भटक रहे थे,
तभी एक दिव्य प्रकाश के बीच एक तेजस्वी ऋषि प्रकट हुए।
वे थे—अग्नि-ऋषि वसिष्ठ।
उन्होंने राजा को एक दिव्य शक्ति का मंत्र सिखाया—
अग्नि-रक्षा मंत्र
इस मंत्र से राजा:
- किसी भी अंधकार को भस्म कर सकते थे
- किसी भी मायाजाल को तोड़ सकते थे
- काले जादू को नष्ट कर सकते थे
- और स्वयं अग्नि की शक्ति बन सकते थे
परंतु ऋषि ने सावधान किया—
“यह शक्ति केवल न्याय के लिए है।
यदि तुमने इसे प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल किया,
तो अग्नि तुम्हें भी भस्म कर देगी।”
राजा ने सिर हिलाया,
लेकिन भीतर की आग पहले ही फैसला कर चुकी थी।
कौटिल्य की काली साधना और अमरत्व का प्रयास
उधर कौटिल्य ने एक भयावह काला यज्ञ शुरू कर दिया,
जिसमें सौ बलियों की आवश्यकता थी।
उस यज्ञ से उसे अमरत्व मिल सकता था।
अगर यज्ञ पूरा हो जाता,
तो वह अजेय बन जाता—
और पूरे प्रदेश पर राज कर लेता।
राजा को पता था—
अगर वे देर कर देंगे,
तो कौटिल्य को रोकना असंभव हो जाएगा।
अंतिम युद्ध—अग्नि बनाम अंधकार
राजा आर्यमान अकेले कौटिल्य के किले में घुसे।
आसमान लाल हो गया,
धरती काँप उठी,
बिजलियाँ कड़कने लगीं।
कौटिल्य ने हँसते हुए कहा—
“आ ही गया वो राजा,
जिसे मैं जलता हुआ देखना चाहता था!”
राजा की आँखों में आग भर गई।
“आज तेरे पापों की गिनती खत्म होगी।”
युद्ध शुरू हुआ—
अंधकार और अग्नि का सबसे विनाशकारी टकराव।
कौटिल्य काले जादू से भयंकर रूप लेता,
राजा अग्नि की दिव्य शक्ति से उसका सामना करते।
चारों ओर आग, धुआँ और बिजली थी।
अंत में राजा ने
अपनी सम्पूर्ण शक्ति इकट्ठी करके
कौटिल्य पर अंतिम प्रहार किया—
और वह राख बन गया।
जीत… लेकिन अधूरी
राजा ने बदला तो ले लिया,
लेकिन बदले की राह ने उनके भीतर सब कुछ जला दिया था।
वह सिंहासन छोड़कर
वनों में चले गए और जीवन भर तपस्या करते रहे।
सोमनगरी आज भी कहती है—
“न्याय आत्मा को मुक्त करता है,
पर बदला हृदय को जलाता है।”
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FAQs
राजा आर्यमान का सबसे बड़ा शत्रु कौन था?
कौटिल्य, जो काले जादू का साधक था।
राजा को अग्नि-शक्ति किसने दी?
अग्नि-ऋषि वसिष्ठ ने।
क्या बदले ने राजा को खुशी दी?
नहीं, उसने केवल उनके भीतर की शांति छीन ली।
कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
बदला दिल को जलाता है, लेकिन न्याय आत्मा को मुक्त करता है।
Raja Ka Badla — The Ultimate Revenge Story in English

The Ancient Kingdom and King Aryaman
Long ago, in the snow-capped lands, existed the prosperous kingdom of Somanagari.
It was ruled by King Aryaman, known for courage, justice, and unmatched compassion.
But jealousy grew in the heart of one man—
Kautilya, the dark ruler of a neighboring empire.
The Night of Poison and Tragedy
Assassins poisoned the palace feast.
The queen and young prince died instantly.
Aryaman survived—
but his soul shattered.
He vowed revenge.
The Fire Sage’s Gift
A mystical Fire Sage blessed him with the Fire Protection Mantra,
which granted:
- divine flames
- illusion destruction
- protection from evil
- the power to burn darkness itself
But he warned—
“Use it for justice, not revenge.”
Aryaman’s silence spoke everything.
The Dark Ritual
Kautilya prepared a wicked ritual
that would grant him immortality.
Time was running out.
The Final Battle
King Aryaman stormed the fortress alone.
The sky bled red.
Magic clashed.
Fire exploded.
In the end, Aryaman burned Kautilya into ashes.
The Price of Revenge
The kingdom was safe,
but the king’s heart remained empty.
He renounced his throne
and disappeared into the forests.
FAQs
Who was Aryaman’s enemy?
Kautilya, a dark sorcerer king.
How did Aryaman get fire power?
A Fire Sage blessed him with divine flames.
Did revenge bring peace?
No, it only deepened his pain.
What is the moral?
Justice heals. Revenge destroys.
